के से शुरू होने वाले धारावाहिकों का शूटिंग स्थल आरे कॉलोनी / संतोष श्रीवास्तव

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गोरेगाँव पूर्व में एक बहुत बड़ालगभग 16 स्क्वेयरकिलोमीटर तक फैला हरा भरा इलाका है जिसे आरे कॉलोनी से जाना जाता है। 1949 में यहाँ मिल्ककॉलोनी बनी जिसमें भैंसों के 32 तबेले हैं और उन तबेलों में 16000 भैंस हैं। ये तबेले 1287 हेक्टेयर एरिया में हैं। आरे कॉलोनी में खूबसूरत बाग़ बगीचे, हरी भरी सड़कें, झीलें, नर्सरी और छोटा कश्मीर जैसा खूबसूरत पिकनिक स्पॉट है जिसके झील में तैरते सफेद परों वाले परिंदों के संग नौका विहार करने का मज़ा ही कुछ और है। यहीं बिमल रॉय की फ़िल्म मधुमति की शूटिंग हुई थी जो 1958 में बनी थी। तब से अब तक कई फ़िल्मों की शूटिंग यहाँ हो चुकी है। ऊँचे-ऊँचे अजीबोग़रीब दरख़्तों के आगे पीछे दौड़ते हुए गाना गाते अभिनेता, अभिनेत्रियाँकौन भूल सकता है। यहीं है वह दरख़्तों का खूबसूरत मंज़र जहाँ अब शूटिंग तो नहीं होती लेकिन उस इलाके को घेरकर गेट बना दिया गया है। शाम छै: बजे तक वहाँ घूमने की अनुमति है। उसके बाद गेट पर ताला पड़ जाता है और वे खूबसूरत दरख़्त शाम के धुँधलकेमें समा जाते हैं। यहीं पर एकता कपूर का स्टूडियो बालाजी टेलीफ़िल्म्स है। दिन के सभी प्रहरों में और रात में टी वी डेली सोप की शूटिंग होती है। एकता कपूर का प्रोडक्शन हाउस भी यहीं है। सालों साल टी. वी. पर चले धारावाहिक जिनके नाम के से शुरू होते हैं इसी आरे कॉलोनी की देन है। मुम्बई की यह प्राकृतिक सुषमा से पूर्ण हरी भरी कॉलोनी जहाँ की सड़कों पर झड़े अमलतास और गुलमोहर के फूलों की बिछावन पर चलते हुए लगता है जैसे पुरातन काल का कोई अरण्य हो... वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे से जोड़ दी गई हैऔर वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे पवई से जाकर जुड़ता है।

पहले पवई भी जंगलनुमा इलाका था जो हत्यारे और स्मगलर्स की छुपने रहने की जगह के नाम से मशहूरथा। धीरे-धीरे जंगल ख़त्म होने लगा और बिल्डरों ने वहाँ महँगी-महँगी इमारतें बनाना शुरू कीं। अब पवई एक पॉश इलाका है जहाँ की बहुमंज़िली इमारतों के फ्लैट की कीमतें करोड़ों में हैं। खूबसूरत पवई लेक है जो हरियाली की गोद में छलकती पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। पहले आई. आई. टी पवई की आखिरी चढ़ाई का हिस्सा जंगल ही था जहाँरात के दस बजते ही ख़ौफ़नाक सन्नाटा पसर जाता था। अब वहाँ आई. आई. टी. के गेट के बाहर छह लाइनों की चौड़ी सड़कपे रात के एक बजे तक ट्रैफ़िक की वजह से रास्ता पार करना कठिन है। हीरानंदानी गार्डन, पंचकुटीर जैसे पवई लेक से लगे इलाके मुम्बई के आधुनिक इलाकों में शुमार हैं। यहाँ कंक्रीट की सड़कों, क्लबों और खूबसूरत बगीचों से लेकर कूड़े को पर्यावरण पद्धति से परिवर्तित करने के प्लांट की सुविधा भी मुहैया है।

पवई से ठाणे शहर की ओर जाती सड़क कई उपनगर या कहें गाँवों को समेटे हुए है। विक्रोली, कांजुर मार्ग, भांडुप, मुलुंड आदि के बाद फिर ठाणे शहर आता है जो अबबहुत अधिक आधुनिक और विकसित जिले के रूप में जाना जाता है। इससे आगे फिर डोंबिवली, नेरल, कर्जत, कल्याणतक विस्तार ही विस्तार। इन सभी गाँवों, शहरों को मुम्बई सम्हाले है और मुम्बई के विकास में इन सबका योगदान है।