जयप्रकाश चौकसे का बहुप्रतीक्षित स्तम्भ देखने पढ़ने को नहीं मिलेगा / हरीश करमचंदानी

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आज से हमें जयप्रकाश चौकसे का बहुप्रतीक्षित स्तम्भ देखने पढ़ने को नहीं मिलेगा।रोजाना दैनिक भास्कर के पाठक इसे दिलचस्पी से पढ़ते गुनते थे।इस अद्भुत स्तम्भ में फ़िल्म और मनोरंजन के साथ समय के जरूरी मसलों पर भी सन्दर्भों के साथ चर्चा होती थी।उनका विज़न बड़ा था।अक्सर पाठक उनके विपुल ज्ञान को देख चमकृत हो उठते।समाज विज्ञान से लेकर साहित्य और जनपक्षधर दृष्टि उन्हें पढ़ना अनिवार्य बना देती थी।

दृढ़ - प्रतिज्ञ प्रिय हनुरोज द्वारा आयोजित विख्यात "जिफ"के दौरान उनके जयपुर आगमन का आकाशवाणी जयपुर ने भी लाभ उठाया।

कामना है वे सेहतमंद हो फिर से हमारे बीच अपने अनुभवों और विचारों के साथ लौटे।आमीन