''तेरी यादों का हैंग ओव्हर'' / जयप्रकाश चौकसे

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तेरी यादों का हैंग ओव्हर
प्रकाशन तिथि : 02 मई 2014


लगभग डेढ़ माह बाद सलमान खान पोलैंड से लौट आया है जहां उसने साजिद नाडियाडवाला की 'किक' के वे सब दृश्य शूट किए जो विगत वर्ष लंदन में किए जाने थे परंतु वीजा की गड़बड़ी के कारण वह दौरा निरस्त कर दिया गया था जिसमें अमेरिका के तकनीशियन शामिल थे। शून्य से दो डिग्री कम की ठंड से वह मुंबई की गर्मी में लौट आया है परंतु परिवार में लौटने की खुशी सारे तापमान से परे होती है। वहां शूटिंग से बचे हुए समय में वह रुस्तमे हिंद गामा पहलवान के बायोपिक की तैयारी कर रहा था। उसने उस पटकथा के लिए आवश्यक जानकारियां हासिल कर ली हैं और अपने बचपन में अपने चाचा, ताऊजी से भी कुछ उनकी आंखों देखी सुनी थी जो उसके अवचेतन में दर्ज थी। इत्तेफाक की बात है कि उसने 'किक' का गीत सुनाया जिसकी केंद्रीय पंक्ति है- 'तेरी यादों का हैंग ओव्हर'। ज्ञातव्य है कि शराबनोशी की अगली सुबह दिमागी हालत को हैंग ओव्हर कहते हैं।

खुमारी उतरने का पहला क्षण आप महसूस करते है कि किसी अजनबी टापू में आपको नशे की लहर ने लाकर असहाय छोड़ दिया है। यह खुमारी, यह नशे के बाद का आलम कई चीजों से मिलता है। मसलन सोलह मई को पूरा देश चुनावी खुमारी से उभरेगा। विगत दो माह की सरगर्मी, अफवाहों के अंधड़ और गैरजवाबदार बयानों से मुक्ति मिलेगी तथा टेलीविजन सैटेलाइट मालिकों के ऊंचे टी.आर.पी. का नशा भी उतर जायेगा। सनसनीखेज पत्रकारिता को विराम लगेगा। गाली गलौज का घटाटोप हटेगा, हवा में ऑसीजन की मात्रा बढ़ेगी और नाजुक फेफड़ों को भी आराम मिलेगा। चुनाव के मौसम में दिहाड़ी पर काम करने वालों को भी आराम मिलेगा परंतु विजयी उम्मीदवार फिर संख्या के नशे में डूब जाएंगे।

बहरहाल सलमान खान की 'किक' की शूटिंग लगभग पूरी हो चुकी है। बतौर निर्माता सलमान खान की 'हीरो' जिसके अधिकार उसने सुभाष घई से खरीदे हैं की शूटिंग भी जारी है। इसमें पंचोली के सुपुत्र और सुनील शेट्टी की पुत्री काम कर रहे हैं। निखिल अडवानी इसे निर्देशित कर रहे हैं। मूल फिल्म में अपहरण की गई कन्या पुलिस कमिश्नर शम्मी कपूर की बेटी थी और उनकी बहन के पति की हास्य भूमिका संजीव कुमार ने अपनी प्रतिभा से जीवंत कर दी थी, उनकी पत्नी की भूमिका नीता मेहता ने की थी। बहरहाल मूल फिल्म में 'लंबी जुदाई' पाकिस्तान की बंजारा गायिका रेशमा ने गाया था, उनकी आवाज पहाड़ी दर्रों से आती हुई लगती थी मानो पहाड़ ही अपना दर्द अभिव्यक्त कर रहे हों। यदि कॉपीराइट के ज्यादा झमेले न हो तो मूल का यह गीत नए संस्करण में भी प्रभाव पैदा कर सकता है। लक्ष्मी-प्यारे और आनंद बक्षी जैसा जादू पुन: पैदा करना आसान नहीं होगा परंतु अब उस जमाने के माधुर्य और ठहराव का आनंद उठाने वाले भी कम है।

सलमान खान अगले कुछ महीनों में सूरज बडज़ात्या की फिल्म की शूटिंग करेंगे और साथ ही 'एक था टाइगर' के लिए प्रसिद्ध कबीर खान की फिल्म की शूटिंग भी की जायेगी और इस फिल्म के निर्माता भी सलमान खान ही है। कबीर खान की यह फिल्म भी अंतरराष्ट्रीय गुप्तचर कथा है परंतु संभवत: कबीर अपनी प्रिय कटरीना कैफ को इस फिल्म में नहीं ले पायेंगे। वर्तमान समय में वे कटरीना के साथ अपनी तीसरी फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं और यहां भी मामला 'यादों के हैंग ओव्हर' का ही है। सलमान खान के जीवन में शराबनोशी के हैंग ओव्हर नहीं हैं परंतु प्रेम के बहुत है।

ज्ञातव्य है कि विगत दो वर्षों में उन्होंने सिगरेट, कॉफी और शराब छोड़ दी है। शराब का तो यह है कि पहले कभी जितनी जाम में छोड़ देते थे, अब उतनी भी नहीं पीते। यह कोई मजबूरी नहीं है वरन् स्वयं उन्होंने अपनी इच्छा से किया है। कभी-कभी जीवन में ऐसे मोड़ आते है कि किसी बाहरी नशे की जरूरत नहीं होती, स्वयं जीवन एक नशा हो जाता है जिसका हैंग ओव्हर नहीं होता, इस पेय के लिए कोई जाम नहीं, कोई बर्फ नहीं, कोई चबैना नहीं लगता। यह तभी मुमकिन है जब सफलता के लिए जिद नहीं, विफलता का भय नहीं होता।

यह वर्ष सलमान खान की अभिनय यात्रा का पच्चीसवां वर्ष है, सिल्वर जुबली वर्ष। सूरज बडज़ात्या की पहली फिल्म और सलमान खान के कैरियर की दूसरी फिल्म 30 दिसंबर, 1989 को प्रदर्शित हुई थी और इत्तेफाक है कि जुबली वर्ष में भी सूरज की फिल्म कर रहे है। अपने संघर्ष के दौर में उन्होंने सहायक निर्देशक के तौर पर भी कार्य किया है और अब वे आधिकारिक तौर पर निर्माता भी हो गए हैं। इस अभिनय यात्रा में उसे विविध अनुभव हुए है। यह भी संभव है कि अभिनीत किए गए पात्रों के मनोभाव उनके अवचेतन की तलछट में कही जम गए हों। अब समान के प्रिय पात्र हैं सूरज का 'प्रेम' और 'राधे'- प्रेम में उन्मादी पागल परंतु इनके परे भी वह कुछ है- ऐसी पहेली जिसे केवल उसके उन्मादी दर्शक समझते है और प्यार करते हैं।