शहरी बस्तियों से

Gadya Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

गद्य कोश में यह पन्ना अंकुर सोसायटी फ़ॉर ऑल्टरनेटिव्ज़ इन एजुकेशन के लिए बनाया गया है। अंकुर पिछले चौंतीस सालों से शिक्षा के क्षेत्र में संवाद और रियाज़ के ज़रिए लगातार सक्रिय है। हमारे प्रयोग के ये ठिकाने दिल्ली के पाँच कामगार इलाक़ों में चलते हैं। यहाँ बच्चे- बच्चियाँ और किशोर-किशोरियाँ सुनने-बोलने-लिखने और पढ़ने का आनंद उठाते हैं। साथ ही मीडिया के तमाम रूपों के ज़रिए अपने अनुभवों को ज़ुबान देते हैं। हर जगह अपनी सुनने की संस्कृति और ज़िन्दगी को समझने के साधनों को लेकर जीती है और उनमें समय के साथ अनुभवों की चढ़ती परतों के साथ ख़ुद को बदलाव में लाती है। अंकुर की कोशिश है कि शहर के विभिन्न श्रमिक बसेरों में पनपते ‌अनेक तरह के अनुभवों और सोच के साथ संवाद बना सके। हमारे पहुँच वाले मोहल्ले - सुंदरनगरी, खिचड़ीपुर, दक्षिणपुरी, सावदा घेवरा और एलएनजेपी कॉलोनी।

इस पन्नें पर उपलब्ध सारी सामग्री का कॉपीराइट इसी संस्था के पास सुरक्षित है।

Shahri-bastiyon-se-banner.png

प्रकाशन

अकार (पुनर्वास बस्तियों में लिखी जाती साहित्य की नई इबारत)

यह रचनाएँ अकार पत्रिका के 37वें अंक (दिसम्बर 2013 - मार्च 2014) में प्रकाशित हुई थीं।