अंक गणित से शासित फिल्में और जीवन / जयप्रकाश चौकसे

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अंक गणित से शासित फिल्में और जीवन
प्रकाशन तिथि : 16 सितम्बर 2019


अक्षय खन्ना और ऋचा चड्‌ढा अभिनीत और अजय बहल द्वारा निर्देशित फिल्म 'सेक्शन 375' का प्रदर्शन हो चुका है। प्रतीत होता है कि फिल्मकार विषय की तलाश में इंडियन पीनल कोड पढ़ना शरू कर देंगे। साहित्य और सिनेमा में अश्लीलता पर बनाई जाने वाली फिल्म का नाम 'पीनल कोड 292-294' भी रखा जा सकता है। राज कपूर 'श्री 420' बना चुके हैं। धोखा देकर धन लूटने वालों को धारा 420 के तहत दंड दिया जाता है। फिल्मों के नाम में नंबर का इस्तेमाल कई बार हुआ है। मसलन, 'विक्टोरिया नं. 203' और मदन मोहला की मनोज कुमार अभिनीत 'दस नंबरी'। हसरत जयपुरी ने 'जोकर' के लिए गीत लिखा 'तीतर के दो आगे तीतर, तीतर के दो पीछे तीतर, आगे तीतर, पीछे तीतर, बोलो कितने तीतर'। बिमल राय के नज़दीकी मित्र असित सेन के निर्देशन में शेक्सपीयर के नाटक 'कॉमेडी ऑफ एरर्स' से प्रेरित फिल्म 'दो दुनी चार' के निर्माता बिमल राय थे और इसी कथा को बाद में बिमल राय के अन्य सहायक गुलजार ने 'अंगूर' के नाम से बनाया था। अमिताभ बच्चन और शशि कपूर अभिनीत फिल्म का नाम था, 'दो और दो पांच'। हमारी श्रेष्ठतम हास्य फिल्म 'चलती का नाम गाड़ी' में अत्यंत लोकप्रिय गीत था '..लेकिन पहले दे दो मेरा पांच रुपैया बारा आना..पांच रुपैया बारा आना'। कुछ समय पूर्व आनंद एल. राय जैसे विद्वान फिल्म निर्माता ने शाहरुख खान अभिनीत 'जीरो' बनाई थी, जिसका बॉक्स ऑफिस परिणाम भी नाम के अनुरूप जीरो ही रहा।

चेतन और देव आनंद के छोटे भाई विजय आनंद ने अपना निर्देशन कॅरिअर का आगाज़ 'नौ दो ग्यारह' नामक फिल्म से किया था। फिल्मकार हबीब फैज़ल ने ऋषि कपूर और नीतू सिंह अभिनीत फिल्म 'दो दुनी चार' बनाई थी, जिसका नायक गणित का शिक्षक है। सुभाष घई द्वारा निर्देशित फिल्म 'कालीचरण' में अंकों में ही एक रहस्य छिपा हुआ है। फिल्मों में प्राय: पात्र अपने होटल के कक्ष का नंबर भूल जाते हैं। कभी-कभी दरवाजा बंद करने के कारण 6 का अंक उलट जाता है और 9 नज़र आता है।

जावेद अख्तर ने रमन कुमार की फिल्म 'साथ साथ' से गीत लिखना प्रारंभ किया परंतु विधु विनोद चोपड़ा की '1942 एक लव स्टोरी' के लिए उनके लिखे गीत 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' से वे अत्यंत लोकप्रिय गीतकार बन गए। इस गीत में लड़की के सौंदर्य के लिए सतरह उपमाओं का प्रयोग किया गया है। जावेद अख्तर ने फिल्म 'तेजाब' के लिए गीत लिखा 'एक दो तीन चार…तेरा करूं गिन गिन के इंतजार' जो लोकप्रिय हुआ। लोकप्रिय टेलीविजन कार्यक्रम 'कौन बनेगा करोड़पति' में एंकर अमिताभ बच्चन प्रत्याशी को जीत की रकम का चेक बनाते हुए उसीसे पूछते हैं कि कितने शून्य लगाएं। यह उनका हास्य का अंदाज है। जानकारियों के कार्यक्रम को ज्ञान का कार्यक्रम कहा जा रहा है, क्योंकि इस दौर में जानकारियां धन अर्जित कराती हैं। गुजश्ता सभ्यताएं जानकारियों के अभाव के कारण नष्ट हुईं तो मौजूदा सभ्यता को संभवत: जानकारियों की अधिकता नष्ट कर देगी।

ज्ञातव्य है कि 'नील बटे सन्नाटा' सामाजिक सौद्देश्यता की महान फिल्म है। एक झाड़ू पोंछा करने वाली महिला अपनी पुत्री को खूब पढ़ाना चाहती है ताकि उसे झाड़ू लगाने का काम नहीं करना पड़े। गणित विषय की तीन शाखाओं में बीज गणित का महत्व सबसे अधिक है। फिल्म के प्रदर्शन के साथ ही कमाई के आंकड़े मीडिया में उछाले जाते हैं, जबकि इनमें सरकारी टैक्स और सिनेमाघर का भाड़ा शामिल है। अत: प्रचारित आंकड़ों का आधा ही असल कमाई है। विदेशों में अर्जित आय के आंकड़ों में 60 प्रतिशत सिनेमाघर का भाड़ा होता है।

संविधान की कुछ धाराओं में दिए गए आश्वासन के खिलाफ काम किया जा रहा है और उसे न्यायसंगत भी ठहराया जा रहा है। अवाम की रजामंदी इसमें शामिल है। ज्ञातव्य है कि जेल में कैदियों के नंबर होते हैं और उन्हें नंबर से ही संबोधित किया जाता है। लंबे समय जेल में रहने वाला कैदी अपना जन्म नाम ही भूल जाता है। सलीम जावेद की लिखी 'दीवार' में इस्लामी मान्यता के शुभ अंक का बिल्ला घटनाक्रम का रुख बदल देता है। आदित्य चोपड़ा की शाहरुख खान, रानी मुखर्जी और प्रिटी जिन्टा अभिनीत फिल्म 'वीरजारा' में कैदी को उसके नंबर से पुकारे जाने का बड़ा नाटकीय उपयोग किया गया है।

अपराध कथाओं में टैक्सी नंबर रहस्य उजागर करता है। नाना पाटेकर अभिनीत फिल्म में टैक्सी का नंबर 9211 दिखाया गया है। एनकाउंटर विशेषज्ञ की कथा से प्रेरित फिल्म का नाम था 'अब तक छप्पन'। सौंदर्य प्रतियोगिता में भाग लेने वाली स्त्री के शरीर को इंच से नापा जाता है और 36-24-36 को श्रेष्ठतम शरीर सौष्ठव माना जाता है। अनेक लोग किसी एक अंक को अपने लिए शुभ मानते हैं। वे नया काम उसी तारीख को प्रारंभ करते हैं। आज के दौर में मोबाइल का नंबर बड़ा महत्वपूर्ण हो चुका है और अपने काम के नंबरों को कंठस्थ कर लिया जाता है। ऐसा लगता है कि जीवन अंकों की हेराफेरी बन चुका है।