अक्षय कुमार और ट्विंकल खन्ना : सुखी दाम्पत्य / जयप्रकाश चौकसे

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अक्षय कुमार और ट्विंकल खन्ना : सुखी दाम्पत्य
प्रकाशन तिथि :12 फरवरी 2018


तीनों खान सितारों की कार्यशैली कुछ ऐसी है कि वे एक वर्ष में एक या दो वर्ष में एक फिल्म में काम करते हैं परंतु अक्षय कुमार प्रतिवर्ष कम से कम तीन फिल्में पूरी करते हैं। साथ ही खान सितारों की तरह विज्ञापन फिल्मों में भी काम करते हैं। अजय देवगन भी एकाधिक फिल्में प्रतिवर्ष करते हैं। सलमान खान का काम रेशमा शेट्‌टी देखती थीं, उनके बीच कुछ अनबन हो गई। अब रेशमा शेट्‌टी अक्षय कुमार की विज्ञापन फिल्मों का काम देखती हैं और कुछ काम करण जौहर का भी देखती हैं। बहरहाल, अक्षय कुमार अपना अधिकांश काम खुद ही करते हैं और वे अत्यंत व्यवस्थित व्यक्ति हैं। उनकी पत्नी ट्विंकल खन्ना प्रतिमाह दो लेख भी लिखती हैं। वे दोनों एक-दूसरे से सर्वथा अलग प्रकार के व्यक्ति हैं। स्वयं ट्विंकल कहती हैं कि अगर अक्षय को आप कपड़ों की एक सुसज्जित अलमारी की तरह मानें तो ट्विंकल कपड़ा धोने की मशीन की तरह हैं, जिसमें घर के सारे कपड़े धुलाई के लिए डाले जाते हैं। ट्विंकल के पास हास्य का माद्‌दा है। अक्षय सारा समय अपने काम में डूबे रहते हैं और अपनी संपत्ति का हिसाब-किताब रखते हैं। उनके पास खान सितारों से अधिक संपत्ति है। वे दावतों एवं शराबनोशी से सख्त परहेज रखते हैं।

विगत दशकों के सितारों के रहन-सहन एवं विचारशैली और आज के सितारों में बहुत अंतर है। आज के सितारे व्यापार जानते हैं और पटकथाओं से अधिक रुचि अपनी बैलेन्स शीट में दिखाते हैं। ये सब पूंजी निवेशक हैं। विगत के मोतीलाल सप्ताह के सातों दिन सप्त रंग की कारों में सफर करते थे और हमेशा सूट पहनते थे। मुंबई के एक सिनेमाघर में उनके लिए एक बॉक्स हमेशा आरक्षित रहता था, जिसमें वे मनचाहे समय पर अपनी अंतरंग मित्र और सितारा शोभना समर्थ के साथ फिल्में देखते थे। ज्ञातव्य है कि शोभना समर्थ की पुत्रियां नूतन एवं तनूजा अभिनय क्षेत्र में रही हैं। नूतन की 'सीमा,' 'सुजाता,' और 'बंदिनी' भारत की श्रेष्ठ फिल्मों की सूची में शुमार हैं। तनूजा की ही पुत्री काजोल ने अनेक सफल फिल्मों में अभिनय किया है और उनका विवाह अजय देवगन से हुआ है। 'प्यार तो होना ही था' उनकी एक फिल्म का नाम भी है।

अक्षय कुमार की प्रारंभिक फिल्मों में वे साधारण अभिनेता की तरह लगे। 'खिलाड़ी' शृंखला से उन्हें सफलता मिली परंतु विगत समय से वे विश्वसनीय अभिनय कर रहे हैं और फिल्मों का चयन भी बड़ी सूझबूझ से कर रहे हैं। ट्विंकल राजेश खन्ना एवं डिम्पल की सुपुत्री हैं। अत: सितारा संसार से सुपरिचित हैं परंतु उन्होंने अपने माता-पिता का विभाजन भी भोगा है और डिम्पल उनके लिए माता के साथ पिता की तरह भी रही हैं। राजेश खन्ना का उदय धूमकेतु की तरह हुआ और उनका अस्त भी उसी तरह हुआ। सितारे के साथ सुपर शब्द तब से ही जोड़ा गया और देवयानी चौबल उनकी अधिकृत प्रवक्ता व पत्रकार थीं। आजकल छोटे परदे पर सीरियल 'रिश्तों का चक्रव्यूह' में अंजु महेन्द्रू अभिनय कर रही हैं। राजेश खन्ना के संघर्ष के समय से ही अंजु महेन्द्रू उनकी अंतरंग मित्र रहीं परंतु जाने कैसे रिश्ते में दरार आई।

राजेश खन्ना कुछ इस तरह के व्यक्ति थे कि वे अपनी बरात भी अंजु महेन्द्रू के बंगले के सामने से ले गए। उन्हें इस तरह के काम में बड़ा आनंद आता था। कालांतर में अंजु महेन्द्रू ने 'गब्बर' अमजद खान के भाई इम्तियाज से शादी की थी परंतु इम्तियाज लंबे समय तक नहीं जिए। वे अपनी ही कुंठाओं के शिकार बने। उन्हें लगता था कि वे बहुत प्रतिभाशाली हैं परंतु उन्हें सफलता नहीं मिली। उन्होंने एक या दो फिल्मों का निर्देशन किया परंतु वे फिल्में असफल रहीं।

अक्षय कुमार और ट्विंकल ने कुत्ते पाले हैं परंतु उनके घर पर एक कछुआ और कुछ परिंदे भी हैं। अक्षय का विचार है कि वे भाग्यवान हैं कि पशु-पक्षी उनके घर आते हैं। ट्विंकल का कहना है कि उन्होंने अपने निवास स्थान को कुछ इस तरह सादा और सरल रखा है कि पशु-पक्षी आकर्षित होते हैं और वे स्वयं को वहां सुरक्षित महसूस करते हैं। अाजकल घरों की साज-सज्जा में बड़ी चमक-दमक और आडम्बर होता है। इसकी चपेट में अब मध्यवर्ग भी आ चुका है। बाजार और विज्ञापन की ताकतें मनुष्य को अनावश्यक चीजें खरीदने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। अगर भीतर तक ललक न हो तो सारे विज्ञापन धरे ही रह जाते हैं। यह भीतरी ललक सांस्कृतिक खोखलेपन के द्वारा जन्मी है।

अक्षय कुमार किताबें नहीं पढ़ते और ट्विंकल को पढ़ने का शौक है। वे अपनी पढ़ी किताबों का विवरण अक्षय कुमार को सुनाती हैं अौर वे उनींदे से सुनते हुए सो जाते हैं जैसे कोई लोरी सुना रहा हो। पति-पत्नी की समान रुचियां होना अावश्यक नहीं हैं। सफल दाम्पत्य का आधार केवल प्रेम है, न कि वैचारिक साम्यता। कई नेता एक दल के सदस्य हैं तो उनकी पत्नी विरोधी दल की सदस्य हैं। घर की संसद में सारी बहस हो जाती है।