अनुष्का शर्मा शिखर पद की ओर अग्रसर / जयप्रकाश चौकसे

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अनुष्का शर्मा शिखर पद की ओर अग्रसर

प्रकाशन तिथि : 09 जुलाई 2012

फिल्म उद्योग में सितारे की हैसियत इस बात पर भी निर्भर करती है कि वह किन फिल्मकारों द्वारा अनुबंधित किया गया है। मसलन अनुष्का शर्मा यश चोपड़ा निर्देशित एक अनाम फिल्म में शाहरुख व कैटरीना कैफ के साथ काम कर रही हैं और विधु विनोद चोपड़ा की राजकुमार हीरानी निर्देशित ‘पीके’ नामक फिल्म में आमिर खान के साथ भी काम करेंगी। सोनाक्षी सिन्हा की ‘दबंग’ और ‘राउडी राठौर’ सफल फिल्में हैं, परंतु यश चोपड़ा और हीरानी की फिल्मों के मिलते ही अनुष्का शर्मा की हैसियत में इजाफा हुआ है, जबकि अभी तक उनकी किसी भी फिल्म ने ‘दबंग’ या ‘राउडी राठौर’ के बराबर व्यवसाय नहीं किया है। विगत समय में करीना कपूर ने तीनों शिखर खान सितारों के साथ काम किया है, परंतु मधुर भंडारकर की ‘हीरोइन’ में कोई बड़ा नायक नहीं है। इस समय कैटरीना कैफ शिखर सितारों के साथ हैं, अत: उनकी मौजूदा हैसियत करीना से ऊंची हो गई है।

सितारे स्थापित कलाकारों के साथ काम करने के लिए कम मेहनताना लेते हैं, परंतु इसी बात के दम पर अन्य निर्माताओं से अधिक धन कूट लेते हैं। मसलन आज कोई निर्माता अनुष्का शर्मा को लेना चाहे तो उसे शायद ढाई करोड़ का मेहनताना देना पड़े, जबकि चंद दिन पहले तक उन्हें एक करोड़ नहीं मिल रहा था। करीना कपूर ने मधुर भंडारकर से अपने स्थापित मेहनताने का दोगुना धन ‘हीरोइन’ के लिए मांगा, क्योंकि ऐश्वर्या राय बच्चन के हटने के कारण वह कथा कुछ ऐसी है कि केवल शिखर सितारा ही उसके आर्थिक समीकरण को व्यावहारिक बना सकता था। फिल्म में नायक भी शिखर सितारा नहीं है।

परिणीति चोपड़ा की अब तक अभिनीत ‘लेडीज वर्सेस रिकी बहल’ और ‘इशकजादे’ में उनके काम की प्रशंसा हुई है, परंतु जब तक वह किसी शिखर सितारे के साथ काम नहीं करतीं, तब तक उनकी सितारा हैसियत में इजाफा नहीं हो सकता। यहां हैसियत प्रतिभा से नहीं, वरन् अन्य कारणों से बनती है। ‘विकी डोनर’ की नायिका यामी गौतम सुंदर और प्रतिभाशाली हैं और अवसर मिलने पर वह खूब नाम और दाम कमा सकती हैं। आमिर खान के भांजे इमरान की पहली फिल्म सफल थी। उस फिल्म में उनकी नायिका जेनेलिया डिसूजा ने श्रेष्ठ काम किया था, परंतु इस प्रतिभाशाली लड़की को बड़ी फिल्में नहीं मिलीं, जबकि इमरान के साथ करन जौहर के दबाव के कारण करीना कपूर को भी काम करना पड़ा। प्रियंका चोपड़ा अत्यंत सुंदर एवं प्रतिभाशाली हैं, परंतु उन्हें केवल शाहरुख खान का साथ मिला और शाहरुख से उनकी अंतरंगता की अफवाहों के कारण अब कोई अन्य बड़ा सितारा उनके साथ काम नहीं कर रहा है और वह करीना व कैटरीना के स्तर तक नहीं पहुंच पा रही हैं।

समाज में भी मध्यम वर्ग की कन्या का विवाह अमीर घराने में होते ही उसके मायके की हैसियत बढ़ जाती है। समाज में बनते-बिगड़ते रिश्तों से हैसियत के पैमाने में अंतर आ जाता है। सुदामा की हैसियत में श्रीकृष्ण का मित्र होने से अंतर पड़ा था। भारतीय समाज की बुनावट काफी रहस्यमय है और प्रतिभा तथा परिश्रम निर्णायक तत्व नहीं हैं। फिल्म उद्योग समाज के वर्गीकरण से अछूता कैसे रह सकता है? शिखर वर्ग के लोग अपनी सेवा के लिए किसी भी वर्ग से व्यक्तिबुला लेते हैं, परंतु उसका उनकी बिरादरी में प्रवेश निषिद्ध ही रहता है। राजनीति में भी सत्ता प्राप्त लोगों की हैसियत अन्य लोगों से बड़ी होती है। कुछ वर्ष पूर्व अमर सिंह की हैसियत बड़ी थी।

आज वह निष्कासित व्यक्तिकी तरह गुमनामी के अंधेरे में जाने कैसे अपना वक्तगुजार रहे हैं। अब उन्हें श्रेष्ठि वर्ग की दावतों के निमंत्रण भी नहीं मिलते। फिल्म उद्योग में कॅरियर की संध्या में आदमी अकेला होता है और अच्छे दिनों में अगर बचत नहीं की हो तो सांस लेने में भी कठिनाई होती है, परंतु राजनेता सत्ता से दूर होने के बाद भी पहले के कमाए धन से गुजर-बसर के लिए तंग नहीं होता। सभी क्षेत्रों के शिखर लोगों के लिए गुजर-बसर से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है, लाइमलाइट में बने रहना। उनकी असली गिजा तो तालियां और वाहवाही हैं। उनका सबसे बड़ा शत्रु सन्नाटा है। करतल ध्वनियों के अभाव में उनकी छटपटाहट जल के बाहर रेत में पड़ी मछली की तरह होती है। कुछ सितारे अपने संध्याकाल में उन ट्रॉफियों से बात करते हैं, जो उन्होंने शिखर दिनों में पाई थीं। घर की रोशनी बुझाकर उन्हें अंधेरे में बैठना अच्छा लगता है। उम्र के इस मोड़ पर कभी रोशनी से चौंधिया गई आंखों को अंधेरा अच्छा लगता है।

मध्यम वर्ग में भी सेवानिवृत्त व्यक्तिपरिवार द्वारा अपनी उपेक्षा से मन ही मन कुढ़ता रहता है। हर क्षेत्र में रोशनी के दिन होते हैं, साथ ही अकेलेपन की रातें होती हैं। शिखर दिनों में हम दिन और रात के रोशन व अंधेरे पक्ष पर कभी विचार ही नहीं करते। बहरहाल, अब अनुष्का शर्मा को विज्ञापन फिल्मों के प्रस्ताव पहले से अधिक आने लगेंगे और मेहनताना भी ज्यादा मिलेगा। केवल एक फिल्म की घोषणा किसी सितारे के जीवन में कितना बड़ा अंतर प्रस्तुत कर सकती है।