आर्तनाद / सुरेश सौरभ

Gadya Kosh से
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एक बुढ़िया का आर्तनाद-घर बंट गया, व्यापार बंट गया, सब सामान बांट डाला मेरे बेटे-बेटियों ने, पर एक चीज ना बांट पाए.

दोनों घुटनों के बीच सिर लटकाए बैठा बूढ़ा बोला-क्या नहीं बांट पाए भाग्यवान।

बुढ़िया-मेरा तुम्हारा दर्द।