आसमान का दिल / एक्वेरियम / ममता व्यास

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कुछ रिश्ते आसमानों में बने होते हैं, उनका धरती पर कोई आधार नहीं होता, इसलिए कभी समझे नहीं जाते और न समझ आते हैं वो। धरती पर प्रेम खूब लिखा गया, लेकिन कितना किया गया कौन जाने? लोगों ने बिना प्रेम किये प्रेम लिखा, ये ऐसा ही था जैसे समंदर के किनारे बैठकर उसकी गहराई पर चर्चा करना।

अध्याय लिखे जायेंगे ज़रूर आसमानों में कि प्रेम की सांसें नहीं घुटती आसमानों में कि प्रेम उन्मुक्त होगा वहाँ। सुना है आसमानों में कोई जेल नहीं, कोई रस्सी नहीं, कोई कानून नहीं, वहाँ ज़रूर प्रेम जीवित रहेगा। जिन्हें धरती ने नहीं संभाला हमेशा आसमान ने उन्हें थामा है कि आसमान का दिल बहुत बड़ा है।