ऊँचाई-2 / खलील जिब्रान / सुकेश साहनी

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(अनुवाद :सुकेश साहनी)

(एक)

आपने पवित्र पर्वत के बारे में ज़रूर सुना होगा।

यह संसार का सबसे ऊंचा पर्वत है।

अगर आप उसकी चोटी पर पहुंच सकें तो आपकी एक ही इच्छा होगी कि वहाँ से उतरें और जीवन की मुख्य धारा से जुड़े लोगों के साथ घाटी में रहने लगें।

(दो)

अगर आप बादल पर बैठ सकें तो एक देश से दूसरे देश को अलग करने वाली सीमा रेखा आपको कहीं दिखाई नहीं देगी और न ही खेत से दूसरे को अलग करने वाला पत्थर ही नजर आएगा।

च्च...च...च...आप बादल पर बैठना ही नहीं जानते!