एक गिद्ध वेदना / अमरीक सिंह दीप

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इक्कीसवीं सदी के संक्रमित मूल्यों और संस्कारों को लेखक ‘एक गिद्ध वेदना’, कहानियों में उकेरता है। मनुष्य के स्वार्थीपन के कारण रिश्तों का दम घुटने लगा है और समाज विभिन्न दायरों में बंटकर हिंसा तथा भय का शिकार है।

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