औक़ात / आलोक कुमार सातपुते

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उसने एक पामेरियन नस्ल की कुतिया पाल रखी थी। अपनी उस कुतिया की जूठन को वह एक आवारे कुत्ते को दे दिया करता, सो आवारा कुत्ता भी अधिकतर वहीं नज़र आता। कुत्तों के संसंर्ग का मौसम आने पर वह आवारा कुत्ता उस पामेरियन कुतिया के पीछे लग जाता, और कुतिया का मालिक सदा इसी क़ोशिश में लगा रहता कि, उसकी पामेरियन कुतिया का उस आवारा कुत्ते के साथ संसंर्ग न हो, फिर भी वह उनके बीच संसर्ग रोक पाने में असफल रहता।

अन्त में उसने उस आवारा कुत्ते को जूठन देना बन्द कर दिया। आख़िर आवारा कुत्ता अपनी औक़ात से आगे जो बढ़ गया था।