किसान कौन है? / महारुद्र का महातांडव / सहजानन्द सरस्वती

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आज बहुतों को यह पूछने की इच्छा होती है कि वे किसान कौन हैं , जिनके नाम पर तथा जिनकी तरफ से हम बोलते और काम करते हैं और जिन्हें हम पूरे क्रांतिकारी बनाना चाहते हैं ? इस समय तो मध्यम श्रेणी के और बड़े-बड़े खेतिहर ही अधिकांश में किसान सभा और उसके काम के साथी हैं और अभी सभा की वर्तमान दशा में दूसरी बात हो भी नहीं सकती। साफ शब्दों में कह सकते हैं कि वही दोनों तरह के खेतिहर किसान सभा का उपयोग अपने हित और लाभ के लिए कर रहे हैं। साथ ही हम भी सभा को मजबूत करने के लिए या तो उन दोनों का उपयोग तब तक करते या करने की कोशिश करते हैं , जब तक खेतिहरों में सबसे निचले दर्जेवालों और उनके ऊपरवालों में अपने राजनीतिक और आर्थिक स्वार्थों और जरूरतों की पूरी जानकारी नहीं हो जाती और उनमें वर्ग-चेतना नहीं आ जाती। लेकिन , सच पूछिए तो , अर्ध सर्वहारा या खेत-मजदूर हो , जिनके पास या तो कुछ भी जमीन नहीं है या बहुत ही थोड़ी है और टुटपुँजिए खेतिहर , जो अपनी जमीन से किसी तरह काम चलाते और गुजर-बसर करते हैं , यही दो दल हैं , जिन्हें हम किसान मानते हैं , जिनकी सेवा करने के लिए हम परेशान और लालायित हैं और अंततोगत्वा वही लोग किसान सभा बनाएँगे , उन्हें ही ऐसा करना होगा। जबकि दूसरे लोग किसान सभा में रहते हुए भी किसान सभा के नहीं हैं , ये दोनों सभा में हैं और सभा के हैं। फलत: हमारी यह हमेशा कोशिश होनी चाहिए कि उनके पास पहुँचें , उन्हें उत्साहित करें , और किसान सभा में उन्हें लाएँ। जब तक हम इस यत्न में सफल नहीं हो जाते , तब तक हमारा काम बराबर अधूरा और अपूर्ण ही रहेगा। समाज के जो स्तर और दल जितने ही गरीब और नीचे हैं , उतने ही वे हमारे निकट हैं। इसीलिए जो सबसे नीचे के या खेत-मजदूर और हरिजन हैं , वे हमसे अत्यंत निकट हैं। उनके बाद टुटपुँजिए खेतिहर आते हैं और बस वहीं पर किसानों का वर्ग खत्म हो जाता है। हम मध्यम खेतिहरों को सिर्फ तटस्थ बना सकते हैं , ताकि शत्रु का पक्ष न लें। लेकिन हमारी आखिरी लड़ाई में वे साथ देंगे , यह आशा ही नहीं कर सकते।

लेकिन , अफसोस है कि ये असली किसान समाज के ऊपर तबकेवाले हम लोगों में विश्वास नहीं करते-उन्हीं हम लोगों में , जो किसान सभा के विकास की वर्तमान दशा में अधिकांशत: उसमें काम करते और उसे चलाते हैं। यह है भी ठीक ही। इसलिए हमारा यह अनिवार्य कर्तव्य है कि हम अपने अमल और बर्ताव के द्वारा उनके प्रति अपनी नेक-नीयती का सबूत दें और इस तरह अपने को उनका प्रिय पात्र बनाएँ।