कैटरीना कैफ को छुट्टियों से नफरत है! / जयप्रकाश चौकसे

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कैटरीना कैफ को छुट्टियों से नफरत है !
प्रकाशन तिथि : 15 जुलाई 2013


कैटरीना कैफ अपना जन्मदिन अपने परिवार के साथ मनाने के लिए लंदन गई हैं। अभी हाल ही में वे अंतरंग मित्र रणबीर कपूर के साथ स्पेन में संक्षिप्त छुट्टी मनाकर लौटी थीं। इस जन्मदिन पर वे थोड़ी उदास इसलिए हो सकती हैं कि विगत दस वर्षों से लगातार काम करने के कारण काम की अभ्यस्त सितारा को विगत वर्ष अनचाहे ही लगभग साठ-सत्तर दिन की छुट्टी मिल गई। काम के अभ्यस्त लोग अनचाही छुट्टियां सहन नहीं कर पाते। सलमान के साथ 'एक था टाइगर' और शाहरुख के साथ 'जब तक है जान' के बाद आमिर खान के साथ 'धूम-3' करने की उनकी महत्वाकांक्षा पूरी हुई, परंतु आमिर खान ने शूटिंग के अनेक दौर ऐनवक्त पर खारिज कर दिए। संभवत: मिस्टर परफेक्शन की तैयारी पूरी नहीं थी। बेचारी कैटरीना को अनचाही छुट्टी और उन दिनों अन्य फिल्म नहीं कर पाने के कारण आर्थिक घाटा भी हुआ। इसी कारण इस वर्ष उनकी कोई फिल्म नहीं लग पाने के कारण उनकी प्रतिद्वंद्वी आगे निकल गईं, मसलन दीपिका पादुकोण की तीन फिल्में लगीं और उन्हें शिखर का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है। यह प्रकरण यहां खत्म नहीं होता, लाइमलाइट में नहीं होने के कारण उनकी विज्ञापन फिल्मों की बड़ी कमाई वाले क्षेत्र में भी अंतर आ गया। आज शिखर सितारा टकसाल है और उसका थम जाना उनके लिए कितना दुखदायी हो सकता है, इसकी कल्पना खेल के बाहर के लोग नहीं कर सकते।

कैटरीना कैफ ने सगर्व ऋतिक रोशन के साथ 'बैंग-बैंग' अनुबंधित की और ऋतिक के साथ नृत्य के कई दृश्य होने के कारण अथक परिश्रम किया, परंतु ऋतिक की शल्य चिकित्सा के कारण वह पांच सप्ताह काम नहीं कर सकते, अत: 'बैंग-बैंग' का एक बड़ा दौर रद्द हो गया। इतना ही नहीं, आगे जाकर ऋतिक अपनी 'कृश-३' के प्रमोशन के लिए फिर कैटरीना को अनचाही छुट्टियों से लाद सकते हैं। काम के नशे में लिप्त रहने वाली कैटरीना को इतनी छुट्टियों ने हताश कर दिया है।

कैटरीना के 'धूम-३' और 'बैंग-बैंग' करने के फैसले सही थे, परंतु उन घटनाओं के कारण, जो उनके वश में नहीं हैं, भारी क्षति सहनी पड़ी। मनुष्य की सारी योजनाओं पर जाने कैसे संकट छा जाता है और उसकी अपनी गलती नहीं होने के कारण उसकी हताशा बढ़ जाती है। जिंदगी का यह अनपेक्षित घट जाना ही उसका रहस्य भी है।

कैटरीना कैफ लगभग पंद्रह वर्ष पूर्व लंदन से भारत आई थीं। उन्हें हिंदी नहीं आती थी, नृत्य नहीं आता था। रामगोपाल वर्मा की 'सरकार' में तीन छोटे दृश्य किए। सलमान खान के सहयोग से उन्होंने भाषा सीखी, नृत्य सीखा और घोर परिश्रम करके वे शिखर पर पहुंचीं। उन्हें पेंटिंग का भी शौक है और गांधीजी की अपनी एक पेंटिंग उन्होंने फिल्मकार विपुल शाह को भेंट की। उनकी 'नमस्ते लंदन' में उन्हें सराहा गया था। वह अत्यंत व्यावहारिक स्वभाव की लड़की हैं और उन्होंने अपनी कमाई का निवेश भी सोच-समझकर किया है। वे अनुशसित कलाकार हैं और अपने कारण कभी निर्माता की हानि नहीं होने देतीं। कैटरीना के इन्हीं गुणों के कारण कुछ लोग उनसे खिन्न भी हैं, क्योंकि मित्रता मात्र के कारण वह कोई भूमिका स्वीकार नहीं करतीं। फिल्म 'बैंग-बैंग' के निर्णय के कारण उन्हें आदित्य चोपड़ा की एक फिल्म अस्वीकार करना पड़ी। दरअसल, कुछ लोग किसी पर अपना अधिकार मान बैठते हैं और उसका निर्णय अपने पक्ष में नहीं होने पर दुखी हो जाते हैं। जीवन के व्यवहार में अपेक्षाएं पूरी नहीं होने पर रिश्तों में दरार आ जाती है।

प्रकाश झा की 'राजनीति' में कैटरीना कैफ ने सशक्त अभिनय किया और शुद्ध हिंदी में भाषण के दृश्यों के लिए भरपूर मेहनत भी की। इसी तरह 'धूम-3' के एक्शन दृश्यों के लिए उन्हें अतिरिक्त प्रशिक्षण भी लेना पड़ा। दरअसल, अभिनेता का जीवन उतना सुखद और आरामदेह नहीं है, जैसा प्राय: समझा जाता है। अपार धन होते हुए भी उन्हें अपने शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए मनचाहा भोजन छोडऩा पड़ता है। थकान के बावजूद ट्रेनर के कहे अनुसार कमर-तोड़ परिश्रम करना पड़ता है। उन्हें ठगने के अनेक प्रयास किए जाते हैं और उन्हें हर कदम सोचकर उठाना पड़ता है।

बहरहाल, अब कैटरीना ऐसे मोड़ पर हैं, जहां उन्हें अनेक नई प्रतिभाशाली लड़कियों के आगमन पर अपने आपको सर्क रखना होगा। श्रद्धा कपूर, परिणीति चोपड़ा और आलिया भट्ट उम्र में भी कम हैं और इस उद्योग में महिला सितारा की बढ़ती उम्र उसके लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। इस खेल के बैंक में यह अजीब ढंग है कि उम्र का खाता बड़ा होने पर मुस्कान के चैक बाउंस कर दिए जाते हैं। बहरहाल, कैफ को जन्मदिन की बधाई।