क्रिकेट पिच टेलरिंग के हद से ज्यादा फैलते दायरे / जयप्रकाश चौकसे

Gadya Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
क्रिकेट पिच टेलरिंग के हद से ज्यादा फैलते दायरे
प्रकाशन तिथि : 24 फरवरी 2021

क्रिकेट मैदान में 22 गज की पिच बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसे विशेषज्ञ बनाते हैं। इस पर पानी नाप-तोलकर डाला जाता है। इस पर घुमाए जाने वाले रोलर लाइट, हेवी और मध्यम में से एक चुना जाता है। पिच पर उगी घास की छंटाई महत्वपूर्ण है। घांस अधिक छोड़े जाने पर गेंद अधिक स्विंग होती है। विगत कुछ दशकों से राहुल द्रविड़ युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करते रहे हैं। उनके शिष्य अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। एम.आर.एफ टायर बनाने वाली कंपनी ने एक कोचिंग कैंप चलाए रखा है। ज्ञातव्य है कि कपिल देव ने इसी केंद्र में आउटस्विंग गेंदबाजी का प्रशिक्षण पाया था। सीधे हाथ के गेंदबाज़ की गेंद स्वाभाविक रूप से इनस्विंगर होती है और बल्लेबाज इसे ब-खूबी जानता है। आउटस्विंगर डालने की क्षमता ही उसे सफल गेंदबाज़ बनाती है। अत: राहुल द्रविड़ और एम.आर.एफ, दो स्तंभ लाइमलाइट से दूर रहकर अपना काम बखूबी कर रहे हैं। ये प्रचार तंत्र से दूर रहते हैं। सामाजिक जीवन में कुछ लोग और संस्थाएं लाइमलाइट से दूर अपना काम करती हैं। समाज की मशीन में ये तेल का काम करती हैं कि मशीन के पुर्जे घिस न जाएं। गणतंत्र व्यवस्था में भी लाइमलाइट से दूर कुछ संस्थाएं सक्रिय रहती हैं। लाइमलाइट अर्थात लोकप्रियता का चक्र, जीवन के लिए आवश्यक नहीं है। ज्ञातव्य है कि चार्ली चैपलिन की एक फिल्म का नाम ‘लाइमलाइट’ था। पूरे विश्व में मौसम अपने पारंपरिक व्यवहार से अलग काम करता दिख रहा है। मनुष्य के लोभ-लालच ने पृथ्वी को इतना लूटा है कि ऋतु चक्र नाराज हो गया है। भौगोलिक परिस्थितियों से भी क्रिकेट पिच प्रभावित हो रही हैं। पिच बनाने और जानकर बिगाड़ने की पिच टेलरिंग आप हर क्षेत्र में देख सकते हैं। राजनीति में चुनाव पिच टेलरिंग नतीजों को बदल देती है। जन आंदोलन को तोड़ने के लिए व्यवस्था के पास अपने विशेषज्ञ हैं। अत: चुनाव टेलरिंग नई विद्या के रूप में उभरी है। मनुष्य के अवचेनत तक को बदलना संभव हो चुका है।

चिकित्सा क्षेत्र में भी कुछ मान्यताएं ध्वस्त होती रही हैं। ताजा शोध यह कहते हैं कि विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स और विटामिन-सी से भी अधिक आवश्यक है विटामिन डी-थ्री जिसका श्रेष्ठ स्रोत है सूर्य की रोशनी। यह संभव है कि आंदोलन पर बैठे किसान सूर्य की रोशनी से ऊर्जा प्राप्त कर रहे हों। सूर्य की रोशनी के मामले में भारत बहुत धनवान देश है और यह निर्मम व्यवस्था के दायरे के बाहर की बात है। हमारे प्राचीन शास्त्रों में सूर्य-प्रार्थना के पहले श्लोक का अर्थ है कि ‘हे सूर्य देवता मैं आपको नमन करता हूं और प्रतिदिन बेहतर मनुष्य बनने की शपथ लेता हूं।’ यूरोप की एक फिल्म में इस तरह का विवरण है कि एक क्षेत्र में धूप सीमित दायरे में थोड़े समय के लिए आती है। धूप के उस दायरे में बने रहने के लिए धक्का-मुक्की होती है। कंधे से धक्का मारकर पास खड़े व्यक्ति को दायरे के बाहर धकेलने के प्रयास होते हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि धूप की चोरी होने लगे या व्यवस्था उस पर टैक्स लगा दे। सूर्य कृपा को भी टैक्स के दायरे में लाने का प्रयास किया जा सकता है। याद आता है ‘पिंक’ का गीत, ‘उजियारे कैसे अंगारे जैसे, धूप जली, धूप मैली, कारी-कारी रैना अंधियारे जैसी, ये रोशनी के पैर में बेड़ियां कैसी।’

बहरहाल मेजबान देश को अपने अनुकूल क्रिकेट पिच बनाने का अधिकार होता है। एक बार जसु पटेल के लिए पिच बनाई गई और उन्होंने एक पारी में 9 विकेट लिए। इस मैच के बाद उन्हें कभी एक भी विकेट नहीं मिला। एक मैच में जिम लेकर ने दोनों पारियों में जमा जोड़ 18 विकेट लिए थे।

महाभारत में कर्ण सूर्यपुत्र हैं परंतु युद्ध पिच टेलरिंग में उनकी अभेद त्वचा आवरण को छीन लिया गया था। बहरहाल अवाम की रजामंदी से मतदान टेलरिंग नए शास्त्र के रूप में सामने आया है।