गिरिजा ओक: ठंडक प्रदान करने वाला सौंदर्य / जयप्रकाश चौकसे

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गिरिजा ओक: ठंडक प्रदान करने वाला सौंदर्य
प्रकाशन तिथि : 28 मई 2019


टेलीविजन पर 'लेडीज स्पेशल' नामक सीरियल में तीन सहेलियों की जीवन यात्रा प्रस्तुत की गई है, जो मुंबई की लोकल ट्रेन में हमसफर रही हैं। इन तीन में 'सपना गारमेंट्स' नामक कंपनी का गठन करने वाली मेघना का पात्र गिरिजा ओक अभिनीत कर रही हैं। उनके माता-पिता और ससुराल पक्ष के लोग मराठी रंगमंच से जुड़े प्रतिभाशाली लोग हैं। गिरिजा ओक लावणी नृत्य के लिए प्रशंसित रही हैं और इसी तथ्य के कारण सीरियल में उनसे लावणी नृत्य प्रस्तुत कराया गया है। जब किसी महिला कलाकार के सौंदर्य की बात की जाती है तब मधुबाला के सौंदर्य को मानदंड माना जाता है। 'हैप्पी भाग जाएगी' नामक फिल्म में पाकिस्तानी पात्र का संवाद है कि मधुबाला से तो सभी प्रेम करते थे परंतु वे किस से प्रेम करती हैं यह महत्वपूर्ण रहा है। फिल्मकार बलदेव राज चोपड़ा बनाम मधुबाला प्रकरण में भरी अदालत में दिलीप कुमार ने स्वीकार किया था कि वे मधुबाला से प्यार करते हैं परंतु मुकदमे में उन्होंने निर्माता का पक्ष लिया था।

बहरहाल, गिरिजा ओक के सौंदर्य को मधुबाला मानदंड पर नहीं परखा जा सकता। मधुबाला का चेहरा गोल था और गिरिजा ओक का लंबा है। हम यह कह सकते हैं कि वे नूतन से कुछ हद तक मिलती हैं परंतु नूतन गेहूंए रंग की थी, जबकि गिरिजा ओक इतनी गोरी हैं कि इसी गोरेपन के कारण उनके कान के पास के बाल भी सुनहरे लगते हैं। मानो चेहरे का सोना पिघलकर कनपटी के बालों तक फैल गया है। उनका कद सामान्य महिलाओं से अधिक है और अनेक पुरुषों से ऊंचा है। अगर वे किसी भीड़ का हिस्सा हों और पथराव की दुर्घटना घटे तो अपने कद के कारण गिरिजा ओक को पत्थर लगने की आशंका हो सकती है। मराठी रंगमंच और सिनेमा में वे सक्रिय रही हैं। आमिर खान की 'तारे जमीन पर' में वे चरित्र भूमिका अभिनीत कर चुकी हैं। इस सीरियल की उनकी दो सहेलियां भी सुंदर और भावाभिव्यक्ति में सक्षम हैं परंतु सूर्य की रोशनी में तारे नजर नहीं आते, जबकि वे अंतरिक्ष में विद्यमान हैं।

मधुबाला आधी रात को देखे सपने की तरह हैं, जो सच नहीं हो सकता परंतु गिरिजा ओक अलसभोर में देखे सपने की तरह हैं, जिन्हें सैर पर देखा जा सकता है। अभिवादन किया जा सकता है। आजकल सौंदर्य शल्य चिकित्सा के द्वारा बढ़ाया जा सकता है। ओठों को मादक बनाने के लिए इंजेक्शन लगाए जाते हैं। फेसलिफ्ट भी कराया जाता है। नाक को सुडौल बनाया जा सकता है। गिरिजा ओक का सौंदर्य ईश्वर प्रदत्त लगता है, क्योंकि मनुष्य के द्वारा की गई शल्य चिकित्सा में गड़बड़ी की आशंका बनी रहती है। इतनी संपूर्णता व कुशलता मनुष्य के बस की बात नहीं है। सौंदर्य एक संपदा है, जिस पर आयकर या प्रॉपर्टी टैक्स नहीं लगता परंतु यह रिश्तों का आधार कार्ड हो सकता है। भावना रिश्तों की आधारशिला आज भी है, जबकि भावनाहीन रोबो रूपी मनुष्य रचने का काम व्यवस्था अथक कर रही है। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली मराठी भाषा की फिल्म 'श्यामची आई' की नायिका वनमाला जो फिल्म की निर्माता भी थीं, ने शिखर पर होते हुए फिल्म अभिनय जगत से संन्यास लेकर अपने उम्रदराज पिता की सेवा के लिए ग्वालियर जाने का निर्णय लिया। यही महिला पृथ्वीराज कपूर अभिनीत 'सिकंदर' की नायिका भी थीं। वनमाला के सौंदर्य से अभिभूत शशि कपूर अपने पिता के साथ स्टूडियो आते और वनमाला की गोद में जा बैठते। उस समय शशि कपूर बाल्यावस्था में थे। दुर्गा खोटे पहली स्नातक थीं, जिन्होंने फिल्मों में अभिनय किया। वनमाला से लेकर वर्तमान की प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण तक सौंदर्य परंपरा जारी है और इस सूची में ही गिरिजा ओक का नाम भी शामिल है। 'लेडीज स्पेशल' सीरियल में ओक द्वारा अभिनीत पात्र महत्वाकांक्षा के घोड़े पर सवार है। यह घोड़ा दौड़ता नहीं उड़ता है। उसने अपने मन में अपने बारे में आए संशय के भाव को बड़े प्रभावोत्पादक ढंग से अभिनीत किया है। उनके मराठी नाटक 'दोन स्पेशल', 'एकच अपेक्षा' भी अत्यंत लोकप्रिय हुए हैं। टेलीविजन पर सौंदर्य देखना ठंडक का भाव प्रदान करता है और तपती रोहिणी के गर्म दिनों यह कोई कम बात नहीं है।