गोथिक कला की खूबसूरत इमारत / संतोष श्रीवास्तव

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गोथिक कला की खूबसूरत इमारत... ताज़महल कॉन्टिनेंटल होटल...

गेटवे ऑफ़ इंडिया सेलगा हुआ है ताज महल कॉन्टिनेंटल होटल। किसी महल-सा भ्रम देता राजसी होटल। गोथिक कला के खूबसूरत नमूने से बेहद आकर्षक दिखता यह होटल एक सौ चार साल पुराना है। इस, पाँच सितारा होटल को यानी ताजमहल पैलेस एंड टॉवर को एशिया के प्रमुख होटल का दर्ज़ा दिया गया है। बेहद रोचक है इसके निर्माण की कहानी। सिनेमा के जनक लुमायर भाईयों ने अपनी पहली फ़िल्म मुम्बई के आलीशान होटल बोटसन में 7 जुलाई 1896 को प्रदर्शित की। इसके शो में केवल अंग्रेज़ों का ही प्रवेश था। होटल के बाहर तख़्ती लगी थी कि 'भारतीय और कुत्ते' अंदर प्रवेश नहीं कर सकते। जमशेदजी टाटा को यह फ़िल्म देखना थी लेकिन प्रवेश निषेध था। रंगभेद की इस घृणित नीति के ख़िलाफ़ उन्होंने आवाज़ उठाने के बरक़्स दो साल के अंदर बोटसन की आभा को धूमिल करता ताज का निर्माण शुरू किया जो 1903 में बनकर पूरा हुआ। जब इसका उद्घाटन हुआ तो अंग्रेज़ों का प्रवेश निषेध था और इसके गेट पर तख़्ती लगी थी कि "ब्रिटिश और बिल्ली अंदर नहीं आ सकते।"

ताजमहल होटल में 565 कमरे हैं और 44 सुइट्स हैं। कई रेस्टोरेंट, बार, कॉफ़ी शॉप, नाइट क्लब, पेस्ट्री शॉप, बुक शॉप, शॉपिंगसेंटर, पार्किंग, स्विमिंग पूल, हेल्थ क्लब, गोल्फ़, बेबीसिटिंग, ब्यूटी सैलून, लाँड्री, डॉक्टर ऑन कॉल, अटेच्ड बाथ, गर्मपानी, टी. वी. आदि की सुविधाओं से पूर्ण ये होटल विदेशी पर्यटकों की पसंदीदा आरामगाह है। इसके राजसी ठाट बाट के पथ पर सजी धजी विक्टोरिया जब पर्यटकों को घुमाती है तो लगता है हम किसी शाही मेहमान से कम नहीं।

इसी ताजमहल के कमरे रक्तरंजित हो उठे थे जब 26 नवंबर 2008 को यहाँ दस आतंकवादियों ने हमला किया था। इसकी दीवारें और खंभे गोलियों से छलनी हो उठे थे। विस्फोट से उठी आग की लपटें और धुआँ खिड़कियों के शीशे चटख़ाता बाहर उबला पड़ रहा था। ... 164 लोगों की मौत, 308 घायल... उफ़... 60 घंटे तक आतंकी गोलियाँ दिल दहलाती रही थीं। फिर एन एस जी कमांडो ने खोजी कुत्तों के संग सर्च ऑपरेशन कर आतंकियों को खोज निकाला था। इसमें उनके साथ थे रेपिडेक्शनफोर्स, पोलीस और मरीन कमांडो। नौ आतंकियों को ख़त्म कर कसाब को ज़िन्दा पकड़ लिया था।

अब ताजमहल पूरी सजधज से फिर सँवार दिया गया है और सुरक्षा भी तगड़ी कर दी गई है।