चोट / सुभाष नीरव / पृष्ठ 3

Gadya Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


यह 'कुछ नहीं' कौन-सा रोग है? लड़के ने लड़की का दायाँ हाथ अपने सीने पर रख लिया।

है...तुम्हें नहीं मालूम? लड़की ने शरारत में उसकी नाक को पकड़ कर खींचा।

ठीक-ठीक बताओ। मुझे तो चिंता हो रही है।

अच्छा! लड़की आश्चर्य में मुस्कराई।

बताओ न, क्या हुआ है तुम्हें?

कहा न, कुछ नहीं। वो मेरा बॉस है न, कह रहा था कि तुम आए दिन गोल हो जाती हो। कल ऑफिस जाऊँगी तो पूछेगा- क्यों, क्या हुआ मैडम?... उसे डिस्पेंसरी की स्लिप दिखाऊँगी और कहूँगी- तबीयत खराब थी इसलिए नहीं आई। और एप्लीकेशन दे दूँगी। पर्स खोल कर उसने पर्ची दिखाई और दवा भी, डिस्पेंसरी में क्या है, कुछ भी जाकर कह दो, चक्कर आ रहे हैं... पेट में दर्द है या फिर रात में बुखार हो गया था, बस।

लड़का लड़की की चालाकी पर मुस्कराया और उठ कर बैठ गया। तो तुम बीमार हो... कहते हुए उसने लड़की के होंठ चूम लिए। लड़की का चेहरा रक्तिम हो उठा।

सहसा, कहकहों और हँसी के फव्वारों ने उन दोनों का ध्यान बरबस अपनी ओर खींचा। कुछ युवा जोड़े बाई ओर की इमारत की दीवारों पर अपना नाम गोद रहे थे। 'आई लव यू', 'माई स्वीट हार्ट', 'लव इज़ गॉड' जाने कितनी ही ऐसी उक्तियों से यहाँ की हर दीवार भरी पड़ी थी। लड़का-लड़की अपने अतीत में खो गए। उन्हें अपने वे प्रारंभिक दिन याद हो आए जब वे भी ऐसे ही, इमारतों की दीवारों पर, दरख़्तों के तनों पर अपने नाम गोदा करते थे।

लड़की को याद आया, लोदी गार्डन में यूकलिप्टस के तने पर लड़के ने उसके लिए एक कविता ही गोद डाली थी, उसका हेयर-पिन लेकर। वह कविता उसने लड़के की डायरी में भी देखी। डायरी का वह पन्ना ही उसने ले लिया था और कई दिनों तक उन पंक्तियों को एकांत में पढ़-पढ़कर अभिभूत होती रही थी।

लड़की ने कविता की पंक्तियाँ याद करने की कोशिश की। फिर सोचा, लड़के को अभी भी याद होंगी। उसका मन हुआ, वह लड़के को आज फिर से वे पंक्तियाँ दोहराने को कहे। उसने लड़के को प्यार भरी नज़रों से देखा। लड़का न जाने किन हसीन ख़यालों में खोया था, आँखें मूँदे, उसकी उँगलियों से खेलता हुआ। एकाएक लड़की को एक पंक्ति याद हो आई और धीरे-धीरे अन्य पंक्तियाँ भी। वह अंदर-ही-अंदर बुदबुदाने लगी- कैसे बताऊँ, क्या है, मेरे लिए तुम्हारा नाम... मायूसियों के गहन अंधेरों में जैसे उम्मीद की कोई किरण... हाँ, वैसे तुम्हारा नाम। आगे की पंक्तियाँ जेहन में गड्ड-मड्ड होने लगीं। थोड़ा ज़ोर देने पर बीच की कुछ पंक्तियाँ पकड़ में आईं -

मेरा दिल, समुद्र-तट की रेत तो नहीं, कि जिस पर गोदा गया नाम, पानी की लहरें आएँ और मिटा कर चली जाएँ...। इससे आगे की पंक्तियाँ स्मृति की पकड़ से बाहर थीं।

अब लड़का अधमुँदी आँखों से उसे निहार रहा था। चेहरे पर पड़ती सीधी धूप से लड़के का चेहरा लाल हो उठा था। लड़की का मन किया कि वह इस चेहरे पर प्यार की बरसात कर दे। तभी, कुछ सैलानी जिनमें कुछ विदेशी भी थे, गले में कैमरे लटकाए उधर से गुज़रे तो लड़की ने अपने विचार को स्थगित कर दिया। उनके आगे बढ़ जाने पर लड़की ने अपना हेयर-क्लिप खोला और लड़के पर झुक गई। लड़की के रेशमी घने बालों में लड़के का चेहरा छिप गया था। तत्काल लड़की ने अपने स्थगित विचार को अंजाम दिया। लड़के को शायद इसकी उम्मीद नहीं थी। वह जैसे सुख के सरोवर में नहा रहा था।

पॉपकोर्न वाले की आवाज़ से लड़का-लड़की उठ बैठे। सामने एक बूढ़ा पॉपकोर्न के पैकेट्स हाथ में लिए उन्हीं की ओर हसरतभरी नज़रों से देख रहा था। लड़के ने इशारे से उसे पास बुलाया और दो पैकेट्स लिए। बूढ़ा खुश हो गया। पॉपकोर्न खाते हुए वे वहाँ से उठे। दाईं ओर कुछ दूरी पर दीवार के पीछे चिड़ियाघर था। वे उस ओर चल दिए। एकाएक, लड़के को जाने क्या सूझी, वह तेज़ी से दौड़ा और एक छोटी-सी दीवार पर चढ़ गया। लड़की ने भी उसी तरह चढ़ने की कोशिश की किन्तु सफल न हो सकी। लड़के ने लड़की का हाथ पकड़कर उसे ऊपर खींचा। हल्की-सी कोशिश में लड़की दीवार पर चढ़ने में सफल हो गई। इससे आगे एक बड़ी और ऊँची दीवार थी जिसके पीछे चिड़ियाघर था। यहाँ कोई नहीं था। जहाँ वे खड़े थे, वहाँ बिलकुल एकांत था। लड़के को शरारत सूझी और लड़की को अपनी बाँहों के घेरे में लेने को लपका। लड़की ऐसी जगहों पर सतर्क रहती है। वह बड़ी होशियारी से छिटक कर आगे बढ़ गई। लड़के ने गुस्से में मुँह बनाया और वहीं खड़ा रहा। दीवार की खिड़की से लड़की ने चिड़ियाघर की ओर झाँका।

एकाएक लड़की बच्चों की तरह चिहुँक उठी और खुशी में उछलती हुई-सी बोली, इधर आओ... इधर आओ... वो देखो! लड़की के चेहरे पर अपार खुशी और उसके चहकने के ढंग को देखकर लड़का दंग था। लड़की बार-बार उचक-उचक कर खिड़की के बाहर देखती और हाथ से ठीक खिड़की के नीचे की ओर संकेत करती।

लड़के ने आगे बढ़कर नीचे झाँका। वहाँ कोई नव-विवाहित जोड़ा चिड़ियाघर के लॉन में दीवार के पास टहल रहा था, हाथों में हाथ थामे। लड़की लाल गोटेवाली साड़ी पहने थी। उसकी गोरी-गोरी कलाइयों में गुलाबी और सफेद रंग का चूड़ा चमक रहा था। हथेलियों पर खूबसूरत मेंहदी रचाये लड़की बहुत सुंदर लग रही थी। अगला भाग >>