दिव्या माथुर / परिचय

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जन्म एवं शिक्षा दीक्षा

दिल्ली में। बी.ए. (अंग्रेज़ी; इतिहास और हिन्दी - वैकल्पिक); एम.ए. (अँग्रेज़ी); दिल्ली एवं ग्लास्गो से पत्रकारिता में डिप्लोमा; चिकित्सा-आशुलिपि का स्वतंत्र अध्ययन।

कर्मक्षेत्र

1985 में आप भारतीय उच्चायोग-लंदन से जुड़ीं और 1992-2012 के बीच नेहरु केंद्र में वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी के पद पर रहीं। पिछले बीस वर्षों में आपने तक़रीबन 8000 सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया, आर्ट्स काउन्सिल औफ़ इंग्लैंड ने आपके इस उत्कृष्ट योगदान और नवरचना के लिए आपको आर्ट्स एचीवर-२००३ के सम्मान से सुशोभित किया। आजकल आप भारतीय उच्चायोग के प्रेस और सूचना विभाग में वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। आपका लन्दन के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन मे अपूर्व योगदान रहा है।

रौयल सोसाइटी की फ़ेलो, अंतर्राष्ट्रीय वातायन कविता संस्था की संस्थापक और आशा फ़ाउंडेशन की संस्थापक-सदस्य, आप अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन की सांस्कृतिक अध्यक्ष, यू.के हिन्दी समिति की उपाध्यक्ष और कथा-यू.के की अध्यक्ष रह चुकी हैं। आप कई प्रमुख पत्रिकाओं के सम्पादक मंडल में शामिल रही हैं। आपने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है - महात्मा गांधी हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा, मॉस्को हिन्दी विश्वविद्यालय, यमुना नगर में कथा गोष्ठी, बर्मिंघम में रामायण पर गोष्ठी आदि। नेत्रहीनता से सम्बंधित कई संस्थाओं में आपका अभूतपूर्व योगदान रहा है; इसी विषय पर आपकी कहानियाँ, लेख और कविताएँ ब्रेल-लिपि में प्रकाशित हो चुकी हैं।

प्रकाशित रचनाएँ

छै कविता संग्रह: अंतःसलिला, रेत का लिखा, ख़याल तेरा, चंदन पानी, 11 सितम्बर सपनों की राख तले, और झूठ, झूठ और झूठ (राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त सम्मान-2110)। पांच कहानी संग्रह: मेड-इन-इंडिया और अन्य कहानियां, हिंदी@स्वर्ग.इन, 2050 और अन्य कहानियां, पंगा और अन्य कहानियां एवं आक्रोश (पदमानंद साहित्य सम्मान)। 'नया ज्ञानोदय' द्वारा प्रकाशित 'पिछले पचास वर्षो की सर्वश्रेष्ठ कहानियों' में आपकी कहानी, पंगा, सम्मलित।

तीन संग्रहों का अँग्रेज़ी में संपादन: औडिस्सी: विदेशों में बसी भारतीय महिलाओं की कहानियों का संग्रह, आशा : भारतीय महिला कहानीकारों का संग्रह एवं इंडिया-बोर्न: विदेशों में बसी भारतीय महिलाओं का ई-कहानी-संग्रह। आक्रोश, औडिस्सी:एवं आशा संग्रहों के पेपरबैक संस्करण आ चुके हैं। दिव्या की कहानियाँ कई महत्वपूर्ण संग्रहों में भी सम्मलित हैं - धरा से गगन तक, दूर बाग़ में सोंधी मिट्टी, देशांतर, The Redbeck Anthology of British South Asian Poetry,Northern Durbar, The North Eastern Durbar, Poems of Cultural Diversity, Dream Catcher, इत्यादि। आपकी कहानियां और कविताएँ बहुत सी भाषाओं में अनुदित और प्रकाशित हैं।

अनुवाद

मंत्रा लिंगुआ के लिए बच्चों की पांच पुस्तकों का हिंन्दी में अनुवाद: औगसटस और उसकी मुस्कुराहट; बुकटाइम, दीपक की दीवाली; चाँद को लेकर संग, सैर को मैं निकला; चीते से मुकाबला और सुनो भई सुनो के अतिरिक्त नैशनल फ़िल्म थियेटर के लिए सत्यजीत रे का फ़िल्म रैट्रो, बी बी सी द्वारा निर्मित कैंसर पर बनी एक डाक्युमैंटरी का हिंदी रूपांतर और नैशनल फ़िल्म थियेटर के कई कार्यक्रमों का अनुवाद।

सम्मान/पुरस्कार

डॉ. हरिवंश राय बच्चन लेखन सम्मान (यू.के का सर्वश्रेष्ठ हिन्दी साहित्यकार), काव्य संग्रह, झूठ, झूठ और झूठ, के लिए राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त प्रवासी भारतीय पुरस्कार, कथा-यू.के का पदमानंद साहित्य सम्मान, प्रवासी साहित्य सम्मान, कविता के क्षेत्र में इंटरनैशनल लाइब्रेरी ऑफ़ पोइटरी सम्मान, प्रवासी हिन्दी साहित्य सम्मान, चिन्मौय मिशन द्वारा वैयक्तिक उत्प्रेरणा एवं उत्सर्ग सम्मान, यू.के हिंदी समिति का संस्कृति सेवा सम्मान, आर्ट्स काउन्सिल औफ़ इंग्लैंड का आर्ट्स एचीवर-२००३ सम्मान, आर्ट्स काउन्सिल औफ़ इंग्लैंड के ‘Poems for the Waiting Room’ के लिए आपकी कविता, बौनी बूंद, का चयन, समाज सेवा में योगदान के लिए अनुभव संकाय का मान्यता-पुरस्कार।

डा निखिल कौशिक द्वारा निर्मित फिल्म, घर से घर तक का सफ़र : दिव्या माथुर, को भारत के विभिन्न फिल्म-फेस्टिवल्स में शामिल किया गया। डा अर्चना देवी द्वारा ‘दिव्या माथुर की साहित्यिक उपलब्धियाँ’ नामक स्नातकोत्तर शोध। आपका नाम ‘इक्कीसवीं सदी की प्रेणात्मक महिलाएं’, ‘ऐशियंस हूज़ हू' और विकिपीडिया की सूचियों में भी सम्मलित है।

साहित्येतर गतिविधियाँ

पॉल रौबसन द्वारा प्रस्तुत आपके नाटक Tête-à-tête और ठुल्ला किलब का सफल मंचन, दिल्ली दूरदर्शन द्वारा आपकी कहानी, सांप सीढी, पर एक फ़िल्म, रेडियो एवं दूरदर्शन पर आपके कार्यक्रम के नियमित प्रसारण, कला-संगम संस्था द्वारा कार्टराईट म्यूज़ियम, ब्रेडफर्ड में आपकी पांच कविताओं की भारतीय नृत्य शैलियों के माध्यम से प्रस्तुति, राधिका चोपड़ा, रीना भारद्वाज, कविता सेठ और सतनाम सिंह सरीखे विशिष्ट संगीतज्ञों द्वारा आपके गीत और ग़ज़लों की प्रस्तुति।

संप्रति

प्रेस एवं सूचना विभाग, भारतीय उच्चायोग, लंदन, में वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी।