दोहरा चरित्र / त्रिलोक सिंह ठकुरेला

Gadya Kosh से
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शोभना मृदुभाषिणी एवं आकर्षक व्यक्तित्व की महिला है। वह राजनीति की सफल खिलाड़ी है। उसके भाषणों में महिला एवं बाल विकास प्रमुख विषय रहता है। वह महिलाओं की प्रबल पक्षधर के रूप में जानी जाती हैं।

एक दिन वह अपनी पुत्र-वधू के साथ डॉक्टर बत्रा के क्लीनिक पर पहुँची। पुत्रवधू भ्रूण की जांच कराई तो पता चला कि वह एक कन्या है। शोभना ने डॉक्टर बत्रा से गर्भपात कराने की बात की तो उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ। उन्होंने पूछ लिया - शोभना जी, आप तो महिला हितों की प्रबल पक्षधर हैं, फिर कन्या - भ्रूण को क्यों गिराना चाहती हैं?

शोभना ने बड़ी ढिठाई से कहा- छोड़िये , डॉक्टर साहब, भाषणों की बात और है। अपने घर का हिसाब तो देखना पड़ता है।

डाक्टर बत्रा शोभना के दोहरे चरित्र को देखकर हतप्रभ थे।