धर्मपरिवर्तन / गोवर्धन यादव

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एक दिन

समाजवाद मंच पर खडा होकर गरीबॊं का पक्ष लेकर भाषण पर भाषण झाड रहा था, शायद वह रामराज्य लाने के चक्कर में था, जनता ने उसे ख़ूब उछाला, गले से लगाया, यहाँ तक उसके पैर भी पडे,

दूसरे दिन

एक दमदार नेता ने उसे दावत पर बुलाया, स्काच पिलाया और मुर्गमुस्सलम भी खिलाया, और अपनी पार्टी का महामंत्री भी बना दिया,

तीसरे दिन

देश के सभी समाचार पत्रों में यह ख़बर मोटे-मोटे अक्षरों में प्रकाशित हुई कि समाजवाद ने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया है।