नमिता सिंह / परिचय

Gadya Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
नमिता सिंह

4 अक्टूबर, 1944 लखनऊ में जन्मी नमिता सिंह के पिता स्वर्गीय गिरीश चन्द्र पन्त भी अपने समय के चर्चित कवि थे। नमिता सिंह ने लेखन की प्रेरणा अपने पितामह महाकवि सुमित्रानंदन पन्त (जो गिरीश चन्द्र पन्त के सबसे छोटे चाचा थे) से ग्रहण की। दिलचस्प है कि बाल्यकाल में नमिता सिंह कि माँ दयावती पन्त कविता की तुकबंदी बनाने में मदद करती थी। लालबाग हायर सेकेंड्री स्कूल, लखनऊ से हाईस्कूल तथा महिला कालेज से इंटरमीडिएट करने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से बी-एस0 सी0 और 1965 में प्रथम श्रेणी (प्रथम स्थान) में एम-एस0 सी0 (रसायन विज्ञान) किया। सी. एस. आइ. आर की शोध छात्रवृत्ति को छोड़कर अलीगढ़ के टीकाराम महाविद्यालय में अक्टूबर 1966 से अध्यापन शुरू किया। 1997 में अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय से मृदा रसायन (सॉइल केमिस्ट्री) मैं पी-एच0 डी0 की उपाधि ग्रहण की। प्रवक्ता के बाद विभागाध्यक्ष, रसायन विज्ञान विभाग और फिर 1997 मैं प्राचार्या टीकाराम महाविद्यालय का पद सम्भाला। 2005 में स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति ले ली।

जून 1970 में कुँवरपाल सिंह से विवाह हुआ। डा0 के. पी. सिंह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्रवक्ता थे। वह वामपंथी (मार्क्सवादी) थे और विश्वविद्यालय तथा उसके बाहर भी राजनैतिक, सामाजिक और साहित्यक, सांस्कृतिक रूप से सक्रिय थे। बाद में विभागाध्यक्ष, डीन, कला संकाय के अतिरिक्त अनेक प्रशासनिक ज़िम्मेदारियाँ संभालने के बाद 1997 में वे विश्वविद्यालय से सेवा निवृत्त हो गए. नवम्बर 2009 में उनका देहावसान हो गया।

नमिता सिंह के सात कहानी संग्रह, दो उपन्यास तथा दो संपादित पुस्तकें हैं। जुलाई 2004 से प्रो0 कुँवरपाल सिंह के साथ 'वर्तमान साहित्य' हिन्दी मासिक पत्रिका के सम्पादन, प्रकाशन का काम शुरू किया जो अनवरत चल रहा है।

रचनात्मक लेखन में नमिता सिंह ने मुख्य रूप से सामाजिक, राजनीतिक विसंगतियों के बीच आम आदमी के सरोकारों को अपना विषय बनाया है। साम्प्रदायिकता के प्रश्न उनके लेखन के केंद्र में अक्सर आते हैं। स्त्रीविमर्श के मुद्दे भी उनके लेखन का विषय बनते हैं। साम्प्रदायिकता को फोकस करती हुई कहानियों का एक संग्रह उर्दू में भी प्रकाशित हो चुका है।

कृतियाँ

कहानी संग्रह

  • खुले आकाश के नीचे: (शिल्पायन, 10295, लेन-1, वेस्ट, गोरखपार्क, शाहदरा, दिल्ली-110032)
  • राजा का चौक: वाणी प्रकाशन, 21-A, दरियागंज, नई दिल्ली-02)
  • नील गाय की आँखें: (वाणी प्रकाशन, 21-A, दरियागंज, नई दिल्ली-02)
  • जंगल गाथा: (वाणी प्रकाशन, 21-A, दरियागंज, नई दिल्ली-02)
  • निकम्मा लड़का: (वाणी प्रकाशन, 21-A, दरियागंज, नई दिल्ली-02)
  • कर्फ्यू तथा अन्य कहानियाँ: (शिल्पायन, 10295, लेन-1, वेस्ट, गोरखपार्क, शाहदरा, दिल्ली-32)
  • मिशन जंगल और गिनीपिग: (वाणी प्रकाशन, 21-A, दरियागंज, नई दिल्ली-02)
  • नमिता सिंह की कहानियाँ: फसादात की लायानियत (उर्दू मैं संकलन: सं0 डा0 सीमा सगीर)

उपन्यास

  • अपनी सलीबें — (वाणी प्रकाशन, 21-A, दरियागंज, नई दिल्ली-110002)
  • लेडीज़क्लब — (सामयिक प्रकाशन, 3320-29, जटवाडा, नेताजी सुभाष मार्ग, दरियागंज, नई दिल्ली-110002)

अन्य

  • दिव्या: इतिहास, समाज, संस्कृति और नारी विमर्श (सम्पादित)
  • 1947: जन प्रतिरोध (सह-संपादन-कुंवरपाल सिंह के साथ)
  • रांगेय राघव: (सह-संपादन कुंवरपाल सिंह के साथ)

विशेष

  1. कथा साहित्य पर लगभग पंद्रह पी-एच0 डी0 तथा एम-फिल विभिन्न ____विश्विविद्यालयों के विभाग के हिन्दी विभाग में संपन्न।
  2. अनेक पी-एच0 डी0 हेतु शोध कार्य चल रहे हैं।
  3. "कर्फ्यू" कहानी पर दूरदर्शन द्वारा टेली फ़िल्म का निर्माण और राष्ट्रीय ____चैनल पर प्रसारण।
  4. विभिन्न कथा संकलनों में कहानियाँ संकलित हैं।
  5. अनेक विश्वविद्यालयों के एम्0 ए0 / बी0 ए0 (हिंदी) के पाठ्यक्रमों में ___अनेक कहानियाँ सम्मिलित।
  6. अनेक आलोचनात्मक, समीक्षा लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में ___प्रकाशित और पुस्तकों में संकलित।
  7. विभिन्न सामाजिक विषयों पर समय-समय पर लेख प्रकाशित।
  8. सचिव, महिला सहायक संघ, अलीगढ़।
  9. अध्यक्ष, उत्तर-प्रदेश ज्ञान विज्ञान समिति।
  10. अध्यक्ष, उत्तर-प्रदेश जनवादी लेखक संघ।
  11. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, जनवादी लेखक संघ।

संपर्क: 28-एम आई जी, अवंतिका-1, रामघाट-रोड, अलीगढ-202001, उत्तर प्रदेश, भारत।

दूरभाष नं: +91-571-2742038

ई-मेल: vartmansahitya@gmail. com, vartmansahitya@yahoo. com

वेब: www. drnamitasingh. com, www. vartmansahitya. com