नैनो के इशारे / राजकिशोर

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नैनो कार स्वामी संघ का प्रतिनिधि मण्डल जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलने उनके दफ्तर पहुँचा, तो वहाँ एक आश्चर्य उनकी प्रतीक्षा कर रहा था। एक और प्रतिनिधि मण्डल प्रधानमंत्री से मिलने के लिए पहुँचा हुआ था। यह प्रतिनिधि मण्डल गैर-नैनो कार स्वामियों का था। पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोचा था कि दोनों पक्षों की आपस में बातचीत करा दी जाए, जिससे मामला आपस में ही सुलझ जाए। लेकिन बाद में तय किया गया कि दोनों पक्षों को अलग-अलग सुना जाए - दोनों को आमने-सामने बैठाने पर मारपीट हो जाने का खतरा था।

प्रधानमंत्री ने पहले नैनो कार स्वामी संघ के प्रतिनिधियों को बुलाया। जब वे यथास्थान बैठ गए, तो उनके प्रतिनिधि ने बात शुरू की - 'मिस्टर प्राइम मिनिस्टर, आपको हमारे एसोसिएशन के नाम पर ताज्जुब हो रहा होगा। आप सोच रहे होंगे, जब नैनो कार बाजार में आई ही नहीं, तो नैनो कार स्वामी संघ कहाँ से बन गया? दरअसल, नैनो कार उसी समय अस्तित्व में आ गई थी, जब रतन टाटा ने उसकी कल्पना की थी। इसी तरह, नैनो कार स्वामी संघ उसी दिन बन गया, जिस दिन रतन टाटा ने प्रगति मैदान में उसे चला कर दिखा दिया। कल तक सारी दुनिया रतन टाटा पर हँस रही थी, आज पूरा भारत हमारे संघ का सदस्य बनने की प्रतीक्षा कर रहा है।'

प्रधानमंत्री के चेहरे पर दुअन्नी भर मुस्कराहट प्रगट हुई।

प्रतिनिधि ने बात आगे बढ़ाई - 'तो हमारी पहली माँग यह है कि नैनो कार खरीदनेवालों की वेटिंग लिस्ट हमारे संघ के माध्यम से ही बनाई जाए। हमारी सिफारिश के बिना किसी को भी यह कार खरीदने का परमिट न दिया जाए।'

प्रधानमंत्री की भौंहें थोड़ी-सी उठीं, मानो पूछ रहे हों, यह कैसे संभव है?

प्रतिनिधि ने जवाब दिया - 'यह बिल्कुल संभव है। इसके लिए आपकी सरकार को नैनो को बीपीएल कार घोषित करना होगा। यह हमारी दूसरी माँग है।'

प्रधानमंत्री ने लम्बी साँस ली - हूँ...

प्रतिनिधि - 'प्रायः सभी गाँवों में राशन कार्ड के लिए नई बीपीएल सूची बन रही है। इसे लेकर हर जगह विवाद है। लाखों लोग शिकायत कर रहे हैं कि उनका नाम इस सूची में आने से रह गया है। कहीं-कहीं तो दंगा भी हो गया। यह देखकर हमने सोचा कि नैनो की बीपीएल सूची सरकारी माध्यम से न बनाई जाए। सरकार सूची बनाएगी, तो भ्रष्टाचार होगा। यह सूची हम बनाएँगे। हम इसका भी ध्यान रखेंगे कि एक परिवार में एक से ज्यादा सदस्य को नैनो का कोटा नहीं मिले। महिलाओं के लिए तैंतीस प्रतिशत आरक्षण का इंतजाम किया जाएगा। सरकार चाहे तो जिला स्तर पर नैनो कार वितरण निगरानी समितियाँ बना सकती है।'

प्रधानमंत्री के चेहरे पर हलका-सा तनाव आया।

प्रतिनिधि - 'हम इसके लिए प्रति कार पाँच हजार रुपए तक देने को तैयार हैं।'

प्रधानमंत्री की मुद्रा कह रही थी - ठीक है, आगे बढ़िए।

प्रतिनिधि - 'हमारी अगली माँग यह कि नैनो कारों पर कोई सरकारी टैक्स न लगाया जाए। यह कार एक लाख रुपए की है और एक लाख रुपए की ही रहनी चाहिए। टाटा का कहना है कि हम तो इसे एक लाख पर ही बेचना चाहते हैं, पर सरकार के बीच में आ जाने पर यह एक लाख तीस हजार की हो जाएगी। भारत एक विकासशील देश है। हम एक लाख का इंतजाम तो कर सकते हैं, पर यह तीस हजार कहाँ से लाएँ? अतः निवेदन है कि नैनो कार और जनता के बीच सरकार न आए।'

प्रधानमंत्री चुपचाप सुनते रहे।

प्रतिनिधि - 'सरकार की भूमिका पर भी हमने विचार किया है। उसकी भूमिका तब शुरू होनी चाहिए, जब हम पेट्रोल पम्प पर पहुँचेंगे। नैनो कार के लिए पेट्रोल रियायती दर पर मिलनी चाहिए, जैसे बीपीएल कार्डधारियों को सस्ती दर पर राशन दिया जाता है। नहीं तो भारत की कार क्रांति अधूरी रह जाएगी। जैसे शिक्षा क्रांति अधूरी रह गई है। स्कूल है तो छात्र नहीं। छात्र हैं तो शिक्षक नहीं। शिक्षक और छात्र, दोनों हैं तो ब्लैकबोर्ड नहीं। ब्लैकबोर्ड भी है, तो चाक नहीं। लघु कार क्षेत्र में हम यह नहीं होने देंगे। हम नहीं चाहते कि देश के हर दरवाजे पर एक नैनो खड़ी हो। कार की सही जगह सड़क है और नैनो को सड़क पर लाने के लिए पेट्रोल चाहिए। पेट्रोल की मौजूदा कीमतों पर हमारे संघ के सदस्य अपनी-अपनी कार को सड़क पर नहीं ला सकेंगे।'

प्रधानमंत्री अपने सामने रखे पैड पर पेंसिल से कुछ हिसाब लगाने लगे।

प्रतिनिधि - 'हमारी अंतिम माँग यह है कि प्रधानमंत्री स्वयं नैनो कार का इस्तेमाल करें। इससे इस कार की एक राष्ट्रीय हैसियत बन जाएगी। लोग हम पर हँसेंगे नहीं। हम प्रधानमंत्री को अपने संघ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। कृपया इसके लिए अपनी अनुमति प्रदान करें।'

प्रधानमंत्री के चेहरे पर दुअन्नी लौट आई। वे उठने को हुए।

प्रतिनिधि मण्डल भी उठ पड़ा।

अब दूसरे प्रतिनिधि मण्डल की बारी थी। प्रधानमंत्री ने उसका भी स्वागत अपनी दुअन्नी मुसकान से किया।

प्रतिनिधि मण्डल के नेता ने कहा - 'हम नैनो कार स्वामी संघ की माँगों के बारे में कुछ अर्ज करने आए हैं।'

प्रधानमंत्री ने अपना सिर थोड़ा-सा उठा दिया।

प्रतिनिधि - 'हम देश के उन लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनके पास नैनो को छोड़कर दूसरे मॉडलों की कारें हैं। नैनों के बाजार में आने के बाद हमारी समस्याएँ बढ़ जाएँगी। सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि हम अपनी गाड़ियाँ कहाँ चलाएँ?'

प्रधानमंत्री मण्डल के नेता ने अपनी टाई ठीक करते हुए कहा - 'हमारी सिर्फ एक ही माँग है।'

प्रधानमंत्री की भौंहें चढ़ीं।

प्रतिनिधि मण्डल का नेता - 'हम चाहते हैं कि नैनो कारों के लिए सड़क के बाईं ओर एक अलग से लेन बना दी जाए। जैसे साइकिल चालकों के लिए बनाई जा रही है। बेहतर हो कि एक ही लेन दोनों के लिए निश्चित कर दी जाए।'

प्रधानमंत्री मुसकराए या थोड़ा और गंभीर हो गए, यह सूचना अभी तक नहीं मिल सकी है।