फिल्म 'दे दे प्यार दे' में उम्र की खाई / जयप्रकाश चौकसे

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फिल्म 'दे दे प्यार दे' में उम्र की खाई
प्रकाशन तिथि : 17 मई 2019


शीघ्र ही प्रदर्शित होने वाली फिल्म 'दे दे प्यार दे' में अजय देवगन 50 साल के पात्र की भूमिका निभा रहे हैं, जिसे एक कमसिन उम्र की कन्या से प्रेम हो जाता है। इस पात्र की पत्नी की भूमिका तबु अभिनीत कर रही हैं। ज्ञातव्य है कि अजय देवगन और तबु यथार्थ जीवन में एक-दूसरे के बचपन के मित्र हैं। राम गोपाल वर्मा ने इसी थीम पर अमिताभ बच्चन के साथ एक फिल्म बनाई थी। उस फिल्म में कमसिन कन्या 60 वर्ष वाले व्यक्ति से बेइंतेहा प्रेम करने लगती है। अजय देवगन 50 साल के हो गए हैं और उन्हें अपनी उम्र के पात्र को अभिनीत करने में कोई संकोच नहीं है। फिल्में युवा वर्ग के दर्शकों द्वारा पसंद किए जाने के कारण सफल होती हैं। हमारे सारे प्रमुख सितारे शाहरुख, सलमान, आमिर, अजय देवगन और अक्षय कुमार 50 पार वय के नायक हैं। रणवीर कपूर भी अब 35 वर्ष के हो चुके हैं। रणवीर सिंह की उम्र कुछ भी हो वे अपना बचकानापन छोड़ नहीं सकते। सितारे बुढ़ाते हैं परंतु दर्शक हमेशा युवा होता है।

50 वर्ष की आयु होने पर राज कपूर ने युवा प्रेमकथा 'बॉबी' बनाई थी। बहुसितारा जड़ित 'मेरा नाम जोकर' की असफलता के कारण वे कर्ज में फंस गए थे और स्टूडियो बेचने की नौबत आ गई थी। सबसे बड़ा धक्का उन्हें अपने माता-पिता के निधन से लगा था। व्यक्तिगत समस्याओं से घिरे 50 वर्ष के फिल्मकार ने 'बॉबी' जैसी निर्मल आनंद देने वाली फिल्म रची। उन्होंने अपनी युवा वय को अपनी सृजन प्रक्रिया में हमेशा बनाए रखा। बुढ़ाते हुए बिमल राय ने 'प्रेम पत्र' नामक फिल्म बनाई थी। शांताराम ने तो 75 पार करने के बाद भी प्रेम कहानियां फिल्माई हैं।

कई दशक पूर्व एक अमेरिकी फिल्म का नाम था 'फोर्टी कैरेट वीमैन'। ज्ञातव्य है कि हीरे का दाम उसके कैरेट पर निर्भर करता है। इस फिल्म में 40 वर्ष की स्त्री से एक 17 वर्ष का युवा प्रेम करने लगता है। वह युवा अपनी छुटिटयां बिताने एक मनोरम स्थान पर आया था, जहां उसकी मुलाकात 40 वर्ष की तलाकशुदा स्त्री से होती है। पहली ही भेंट में युवा को उस स्त्री से प्रेम हो जाता है। उस युवा के प्रेम की कशिश से स्त्री भी प्रभावित होकर मन ही मन उसे प्रेम करने लगती है परंतु उम्र के अंतर के कारण वह उसे प्रोत्साहित नहीं करती। युवा की भावना की गहराई और तीव्रता में वह स्वयं को डूबता हुआ महसूस करती है।

युवा के पिता अत्यंत धनवान हैं। उन्हें अपने पुत्र के प्रेम के विषय में जानकारी मिलती है तो वे उस स्थान पर आकर उसे समझाने का प्रयास करते हैं। वह जब नहीं मानता तब उसे अपने आर्थिक साम्राज्य से बेदखल करने की धमकी भी देता है परंतु प्रेम में आकंठ डूबा युवा साम्राज्य को ठोकर मार देता है। अपनी प्रेमिका द्वारा बार-बार हतोत्साहित करने का उस पर कोई असर नहीं होता। 40 वर्षीय नायिका स्वयं को अपने शयन कक्ष में बंद कर लेती है और युवा प्रेमी से कहती है कि वह दरवाजा कभी नहीं खोलेगी और भूख व प्यास से तड़पकर मर जाएगी। उसके लौट जाने के बाद ही वह अपनी स्वयं बनाई कैद से बाहर निकलेगी। इस बात का असर होता है। युवा उससे इतना प्यार करता है कि वह एअरपोर्ट की ओर रवाना हो जाता है।

फिल्म का अत्यंत महत्वपूर्ण दृश्य है कि 40 वर्ष की नायिका से तलाक लेने वाला उसका पति उससे मिलने आता है। वह स्वीकार करता है कि वह उसके योग्य नहीं था। वह लापरवाह किस्म का व्यक्ति था। वह उसे समझाता है कि उम्र महज आंकड़े हैं। सच्चा प्रेम विरल अनुभव है। उस किशोरवय के युवा ने प्रेम की खातिर करोड़ों के व्यवसाय को ठुकरा दिया। उसे एअरपोर्ट पहुंचकर उसे रोकना चाहिए। नायिका तुरंत एयरपोर्ट जाती है। फिल्म सुखांत है।

इसी तरह 'समर ऑफ 1942' में एक स्त्री का पति युद्ध लड़ने गया है। एक 16 वर्ष का किशोर उससे प्रेम करने लगता है। उस किशोर के प्रेम में भावना की तीव्रता से वह स्त्री भी उसी लहर में शामिल हो जाती है। लंबे समय में वह विरह झेल रही थी। चौथे दशक की एक फिल्म में गीत था 'विरह ने कलेजा यूं छलनी किया, जैसे जंगल में बांसुरी पड़ी हो'। पहले भी इसको याद किया गया है। ये कोई भुला सकने वाली पंक्तियां नहीं हैं। राज कपूर की 'मेरा नाम जोकर' के पहले भाग में 16 वर्ष का किशोर अपनी 24 वर्ष की शिक्षिका से प्रेम करने लगता है। शिक्षिका अपनी वय के एक व्यक्ति को प्रेम करती है। मनोज कुमार द्वारा अभिनीत यह पात्र किशोरवय के कुंआरे अवचेतन को भलीभांति समझता है। उसे समझाता है कि बड़े होने पर भी अपनी मासूमियत की रक्षा करना। इस फिल्म के ये दोनों पात्र क्रिश्चियन हैं। एक गीत है, 'गिव मी ए स्माइल, आई केन कीप ऑल द व्हाइल, गिव मी ए स्माइल विद ए चीअर नॉट ए टिअर इन योर आई'।

दो प्रेम करने वाले उम्र के अंतर की खाई को अपनी भावना की ऊर्जा से छलांग लगाकर पार कर जाते हैं। मनुष्य की देह बुढ़ाती है, प्रेम हृदय में स्थायी बसंत की तरह होता है। बूढ़े और जवान की शादी को अंग्रेजी में 'मे-डिसेंबर वेडिंग' कहते हैं। मे अर्थात मई का महीना।