बार कोडिंग / अन्तरा करवड़े

Gadya Kosh से
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"इस क्रीम पर ये रेखाएँ किस चीज की खिंची है बेटा?" शर्माजी ने आश्चर्य और कौतूहल से उस क्रीम की महँगी बोतल को टटोलते हुए पूछा। बालों को रंगने का विदेशी प्रसाधन बेटा खास उन्हीं के लिये जो लाया था।


"इसे बार कोडिंग कहते है पापा। नये जमाने की उत्पादन की जानकारी देने वाली तकनीक। कोडवर्ड्‌स में उत्पादन संबंधी जानकारी होती है इसमें।"


फिर कुछ दिनों के बाद¸ घर में बढ़ते तनाव के चलते एक दिन बेटा उनसे जरूरी बातें करने के नाम पर अलग होने की तैयारी दिखा गया। अगले महीने से वे दूसरे बेटे के घर पर रहने वाले थे।


रात को न चाहते हुए भी बहू बेटे की बातचीत कानों पर पड़ी। बेटा कह रहा था¸


"तीन चार बार मैं भी उन्हें घर के बिगड़ते बजट का हवाला दे चुका था। उनके दवाईयों के बिल्स भी बताए थे उन्हें। और तो और उनके लिये रखे नौकर का हिसाब किताब बी बताया था। तब भी वे समझ नहीं पाए और यहीं डटे रहे। खैर! आज उन्हें सारी बात साफ कर दी है। बस इस महीने की ही बात है।"


शर्माजी वहीं जड़वत रह गये। घर का बिगड़ता बजट¸ दवाईयों के बिल¸ नौकर का हिसाब किताब ये सभी एक एक कर लंबी रेखाओं में बदलते गये और शर्माजी उस बारकोड में बेटे का मंतव्य ढूँढ़ते रहे।