बुरा न मानो होली है / जयप्रकाश चौकसे

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बुरा न मानो होली है
प्रकाशन तिथि : 21 मार्च 2019


फिल्मों में होली उत्सव के दृश्य दर्शकों को मोहते रहे हैं। मेहबूब खान की 'मदर इंडिया' का होली दृश्य यादगार माना जाता है परंतु सलीम-जावेद और रमेश सिप्पी ने 'शोले' में होली दृश्य को पटकथा के अविभाज्य हिस्से की तरह प्रस्तुत किया। अमेरिकी फिल्म 'केप फीयर' से प्रेरित यशराज चोपड़ा की 'डर' में एकतरफा इश्क में पगलाया पात्र होली के रंग के पीछे अपनी पहचान छिपाकर नायिका को भयभीत कर देता है। होली के रंग द्वारा छिपाई पहचान के कारण ही फिल्म उद्योग में सामूहिक होली नहीं मनाई जाती। फिल्म वाले अपने घर में ही अपने निकटतम मित्रों के साथ होली मनाते हैं। होली के रंग में खतरनाक केमिकल मिलाकर सितारे के चेहरे को क्षति पहुंचाई जा सकती है। कोई आतंकवादी भी होली के रंग में स्वयं को छिपाकर कोई वारदात कर सकता है। अत: सुरक्षा के लिए फिल्म वाले सामूहिक होली नहीं मनाते।

यशराज चोपड़ा की 'सिलसिला' में होली का दृश्य एवं गीत का उपयोग किया गया। इस दृश्य में अमिताभ बच्चन अभिनीत पात्र, रेखा द्वारा अभिनीत पात्र के साथ गीत के माध्यम से अभद्र छेड़छाड़ करता है और हिमाकत की हद है कि अमिताभ बच्चन अभिनीत पात्र की पत्नी और रेखा अभिनीत पात्र के पति की मौजूदगी में यह अभद्रता की जाती है। इस दृश्य को दर्शक ने पसंद नहीं किया और फिल्म से प्राप्त होने वाले धन में भी कमी आई। गीत के बोल थे, 'रंग बरसे भीगे चुनर वाली.. सोने की थाली में ज्योना परोसा, खाए गोरी का यार बलम तरसे..।' हर पंक्ति के साथ अभद्रता बढ़ती जाती है। फिल्म के गीतों के रिकॉर्ड में इस गीत के गीतकार का नाम दिया था, जो साहित्य के क्षेत्र के थे परंतु बाद में उनका नाम हटा दिया गया, क्योंकि यह एक लोकगीत रहा है। ब्रज की लठमार होली का एक रोचक दृश्य फिल्म 'टाॅयलेट एक प्रेमकथा' में प्रभावोत्पादक बन पड़ा है।

फिल्म उद्योग में राज कपूर द्वारा आयोजित होली समारोह में सभी फिल्म वाले आते थे। स्टूडियो में एक हौज बनाया गया था, जिसमें सभी को डुबकी लगानी पड़ती थी। रंग खेलने के साथ ही पीना पिलाना जारी रहता था तथा प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना सितारा देवी जमकर नृत्य करती थीं। इसी तरह आरके स्टूडियो की होली में अमिताभ बच्चन ने गीत गाया था, 'जिसकी बीबी छोटी उसका भी बड़ा नाम है…'। उस समय अमिताभ संघर्ष कर रहे थे और सितारा नहीं बन पाए थे। बाद में प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन पर यही गीत फिल्माया भी था। प्रकाश मेहरा स्वयं भी गीतकार थे और उनकी फिल्मों के गीत-संगीत में उनका अपना योगदान बहुत होता था, परंतु उन्होंने कभी अपना नाम बतौर गीतकार नहीं दिया।

इस वर्ष होली के पावन अवसर के समय चुनाव प्रचार भी हो रहा है। चुनाव प्रचार राजनीतिक होली है, जिसमें विरोधी के चेहरे पर अभद्रता का रंग लगाने की प्रतिस्पर्धा जारी रहती है। समस्याओं से घिरे देश में किसी भी राजनीतिक दल के पास इन समस्याओं से उबरने की कोई ठोस योजना नहीं है।

'होली' को हम समाजवादी उत्सव मान सकते हैं, क्योंकि होली के रंग में पुते चेहरों में कौन अमीर, कौन मध्यम वर्ग और कौन गरीब है- इसका अंतर बताया नहीं जा सकता। होली उत्सव में भांग का सेवन भी किया जाता है। भांग का नशा धीरे-धीरे चढ़ता है और देर तक बना रहता है। शराब जल्दी चढ़कर जल्दी ही उतर भी जाती है। अफीम की पिनक सबसे अधिक समय तक बनी रहती है। भांग के सेवन से मनुष्य का अवचेतन उस घाटी की तरह हो जाता है, जिसमें आवाज लौट आती है जैसे फिल्मी गीतों के मुखड़े दोहराए जाते हैं। सभी तरह के नशों में यह बात मौजूद है कि मनुष्य अपनी गुप्त इच्छा का सरेआम इजहार कर दे। अगर हम सारे उत्सवों को अभिव्यक्ति पर पाबंदी के साथ जोड़ें, घोषित व अघोषित आपातकाल की तरह देखें तो होली का पावन अवसर खुलकर जाहिर होने का उत्सव माना जा सकता है। साहित्य और उत्सव के रूपक में होली व्यंग्य मानी जाएगी।