ब्राह्मणों की पदवियाँ / ब्रह्मर्षि वंश विस्तार / सहजानन्द सरस्वती

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यद्यपि ब्राह्मणों की पुरानी और नवीन पदवियों के विषय में अच्छी तरह लिखा जा चुका हैं। और कुछ नाम भी पदवियों के साथ लिखे गए हैं। तथापि कुछ अधिक नामों और पदवियों के दिखला देने से लोगों को बहुत दिनों की भ्रान्त धारणा के दूर होने में आसानी होगी। हम हरेक ब्राह्मण दलों के कुछ इने-गिने नाम ही दिखलाएँगे। सभी नाम वर्तमान लोगों के ही नहीं हैं।

कान्यकुब्ज

(1) चौधरी खुमान सिंह, बिठूर, कानपुर। (2) चौधरी हरनारायण सिंह, सुलतानगंज, फतहपुर। (3) प. अयोध्या सिंह तिवारी, जहानागंज, फतहगढ़। (4) ठाकुर नारायण सिंह, सीरू के अवस्थी। (5) रुद्रसाह, खजुहा, फतहपुर। (6) खांडेराय, फतहपुर। (7) लालसाह, फतहपुर। (8) रनजीत राय, फतहपुर। इसके सिवाय (9) सावर्णि। (10) ठकुरिया। (11) राउत। (12) मैरहा। (13) अधवर्यु इत्यादि पदवियाँ भी प्रचलित है।

सर्यूपारी

(1) बाबू बैजनाथ सिंह, कुरौना, बनारस। (2) श्री युतविवेकी सिंह, सिंहनपुरा, शाहाबाद। (3) त्रिपाठी बूआ सिंह, बेरौचा, बांदा। (4) त्रिपाठी नृपति सिंह, मंडौर, बांदा। (5) श्री रामशरण सिंह, चरवा, इलाहाबाद। (6) ब्रह्मदत्त सिंह, टाटा, इलाहाबाद। (7) कल्लू सिंह, थरी, मिर्जापुर। (8) श्री त्रिभुवन सिंह, गंगहरा, मिर्जापुर। (9) श्री बलदेव सिंह, परवापाल, रीवाँ राज्य। (10) श्री शंभू सिंह, मनिकबरा, रीवाँ राज्य।

गौड़

(1) पं. अमर सिंह, एम.ए., तहसीलदार, दिल्ली। (2) राजा फतह सिंह, शेखूपुरा, लाहौर, सभापति गौड़ सभा। (3) पं. रघुवीर सिंह, डिप्टी कलेक्टर, हिसार। (4) पं. बद्रीदास, निरीक्षक, गौड़ सभा, कुरुक्षेत्र। (5) पं. रामस्वरूप चौधरी रईस, शिकारपुर। (6) श्री भाऊराम स्वामी, कोराली, अंबाला।

सनाढ्‍य

(1) कुँवर हनुमान सिंह, आनरेरी मजिस्ट्रेट, अलीगढ़। (2) रायसाहिब ठाकुर केहरी सिंह रईस, मथुरा। (3) कुँवर सुजान सिंह रईस, जिला अलीगढ़। (4) रायबहादुर पलिया राधोबा रत्तीराम रईस, अलीगढ़। (5) भटैले श्याम बिहारी लाल रईस, जिला एटा। (6) पं. अयोध्या सिंह उपाध्याय, निजामाबाद, आजमगढ़।

पालीवाल

(1) शाह रामचंद्र शर्मा रईस, रामपुरा, मैनपुरी, सभापति पालीवाल सभा। (2) सेठ भगवान दास रईस, सुकीट, एटा, उपसभापति। (3) शाह किशोरी लाल रईस, बाजीदपुर, अलीगढ़, मन्त्री। (4) शाह मोहन लाल शर्मा, ताल्लुकेदार, सिमरा आगरा। (5) शाह दुर्गा प्रसाद शर्मा, ताल्लुकेदार।

मैथिल

(1) सर रामेश्‍वर सिंह, महाराज बहादुर, दरभंगा। (2) महाराज लक्ष्मीश्‍वर सिंह, (3) बाबू तुलापति सिंह, महाराज दरभंगा के चचा। (4) महामहोपाध्याय श्री कृष्णसिंह ठाकुर, दरभंगा। (5) पं. बबुआ खाँ, बनगाँव, दरभंगा। (6) पं. गुणपति सिंह, वीरसायर। (7) बाबू यदुनन्दन सिंह झा, चनौर। (8) कुमार सूर्यानन्द सिंह, बनैली रामनगर। (9) पं. मुक्‍तिनाथ ठाकुर, अथरी, मुजफ्फरपुर। (10) पं. जीवनाथ राय, व्याकरणतीर्थ, वीरसायर। (11) तुरंतलाल चौधरी, दुलारपुर। (12) सेठ रामाश्रय सिंह, केवटा। (13) खेदू ईश्‍वर, मराँची, मुँगेर। (14) पं. योगानन्द कुँवर, भूतपूर्व संपादक, मिथिला मिहिर, दरभंगा।

जिझौतिया

(1) श्रीयुत दर्याव सिंह जागीरदार, चित्रकूट। जुझौतियों की वंशावली में ही उनकी। (2) राव (राउ) त, (3) राय, (4) अरिजरिया, (5) नायक, (6) भंड़ैरिया, (7) पटैरिया, (8) गंगेले, (9) सुल्लेरे, (10) फौजदार, (11) बोहरे या बहोरे, (12) दीन, (14)घड़ियाली, (15) पारसाई, (16) सराफ आदि पदवियाँ लिखी हैं।

भूमिहार, पश्‍चिम, जमींदार

(1) द्विजराज काशीराज श्रीमत्प्रभुनारायण सिंह शर्मा। (2) श्रीमान आदित्य नारायण सिंह शर्मा, महाराज कुमार, बनारस। (3) श्री कवींद्र नारायण सिंह, जगतगंज, काशी। (4) श्री इंद्रजीत प्रताप बहादुर साही, राजा साहब, तमकुही। (5) श्री गुरुमहादेव आश्रम प्रसाद साही, महाराजा, हथुवा। (6) श्री बेनीप्रसाद सिंह, सराय गोवर्धन, काशी। (7) पं. रघुनाथ प्रसाद साही शर्मा, साँढ़ा, मुजफ्फरपुर। (8) पं. रामदास राय मिश्र, काव्यतीर्थ, प्रोफेसर, भूमिहार ब्राह्मण कॉलेज, मुजफ्फरपुर। (9) राजा हरिहर प्रसाद नारायण सिंह, अमाव। (10) पं. संतप्रसाद सिंह शर्मा, बकठपुर, मुजफ्फरपुर।

त्यागी

(1) श्री चौधरी रघुवीर नारायण सिंह, ताल्लुकेदार, असौढ़ा मेरठ। (2) पं. पद्मसिंह शर्मा, नायकनगला, बिजनौर। (3) चौधरी अनूप सिंह, नहटौर, बिजनौर। (4) चौधरी बैजनाथ सिंह, रतनगढ़, बिजनौर। (5) पं. रामावतार शास्त्री, रतनगढ़, बिजनौर। (6) चौधरी रूपचंद शर्मा, गोवर्धानपुर, सहारनपुर। (7) पं. शालिग्राम शर्मा, चरथावल, मुजफ्फरनगर। (8) पं. कूड़ेराम जी शर्मा, खरखौदा, मेरठ। (9) प्रोफेसर पं. धर्मवीर शर्मा।

महियाल

(1) बाबू शिवनाथ सिंह, गाजीपुर। (2) महते योगध्यान सिंह, प्रधान, महियाल सभा, लाहौर। (3) बा. हीरासिंह जी दत्त, मन्त्री, महियाल सभा। (4) पं. रामभज दत्त चौधरी, लाहौर। (5) रायजादा नत्थूराम वैद्य, मन्त्री, महियाल सभा, शिमला। (6) रामरिक्खा मलदत्त, मन्त्री, महियाल सभा, झेलम। (7) श्रीयुत् दीवान भीमसेन, सेनापति, राजा सूचित सिंह, जम्मू। (8) दीवान हेमराज, सेनापति, जम्मू। (9) रिसालदार मेजर हुकुम सिंह। (10) सूबेदार संध्यादास, 25वीं पंजाबी पैदल सेना। (11) सूबेदार लाखा सिंह, पहली सिख पैदल सेना। (12) जमादार रामसिंह, दूसरी पंजाब घुड़सवार फौज।

इसके सिवाय पूर्व के प्रदर्शित इन सभी ब्राह्मण दलों में मिश्र, चौबे, दूबे, तिवारी, पांडे, पाठक, शुक्ल, ओझा, झा, उपाध्याय वगैरह पदवियाँ पाई जाती है, जिनका दिग्दर्शन ग्रन्थ में ही कराया जा चुका है। इसीलिए जानबूझ कर उन्हें यहाँ नहीं लिखा है :

7. चरम उपसंहार और समर्पण

प्रसंगादपमानोक्‍ति: कटूक्‍तिर्यदिवोद्गता:।

निवत्तर्यसंतस्तां क्षान्तसांजलि: प्रार्थयाम्यहम्॥ 1॥

भाद्रमासि सिते पक्षे शुभे चंद्रजवासरे।

द्वितीयायां तिथौ रात्रौ गुणाश्वांकेन्दुवत्सरे॥ 2॥

अविमुक्‍ते निवसता परोपकृतिबुद्धिना।

रचित: सहजानन्दसरस्वत्याख्यदंडिना॥ 3॥

वर्द्धितश्‍च पुनर्भाद्रे भूवस्वंकमहीमिते।

ब्रह्मर्षिवंशविस्तार: सोऽयं सर्वांगसंयुत::॥ 4॥

सुमनोंऽललिरूपेण सुमनोभोददायिना।

अमुना पार्वतीजानि: प्रीयतां जगतीपति:॥ 5॥

इति श्रीवाराणसेयदशाश्‍वमेधाघट्टस्थमठभूतपूर्वालारश्रीमद्विश्‍वरूपसरस्वती पूज्यपादविनेयपरम्परा प्रविष्ट श्रीमत्स्वामिवर्याद्वैतानन्द सरस्वती पूज्य चरणाम्बुज भृगयमाण स्वामि सहजानन्द सरस्वती विरचिते ब्रह्मर्षि वंश विस्तरे उत्तर परिशिष्टाख्यं चतुर्थं प्रकरणम्॥

॥ समाप्तश्‍चायं ग्रन्थ:॥ शुभम्भूयादनिशम्॥