भूमि पेडनेकर की प्रेरक भूमिका / जयप्रकाश चौकसे

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भूमि पेडनेकर की प्रेरक भूमिका
प्रकाशन तिथि : 22 फरवरी 2022


गौरतलब है कि अभिनेत्री भूमि पेडनेकर हावर्ड यूनिवर्सिटी में जलवायु परिवर्तन पर भाषण देने के लिए आमंत्रित की गई हैं। जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान के खिलाफ वे पहले भी मोर्चा निकाल चुकी हैं। आज पूरे विश्व के समक्ष जलवायु परिवर्तन एक प्रमुख मुद्दा और चुनौती है। विशेषज्ञों का कहना है कि एयर कंडीशनर से दूषित वायु निकलती है। इनकी अपेक्षा एयर कूलर अधिक सुरक्षित माने जाते हैं। दरअसल, रेफ्रिजरेटर से भी कुछ हानिकारक चीजें निकलती हैं।

गोया कि हमने आराम देने के लिए जितने साधन बनाए थे वे सब कहीं न कहीं हमें हानि पहुंचा रहे हैं।

अनगिनत लोग ऑर्गेनिक फूड पैदा कर रहे हैं तो अधिक फसल उपजाने के लिए खेतों में डाले गए पदार्थ भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसान की मेहनत और गोबर का खाद ही सबसे अधिक लाभप्रद माना गया है।

यह खुशी की बात है कि भूमि जैसी अभिनेत्री सामाजिक मुद्दों के प्रति इतनी सजग और सक्रिय है और उनकी तरह अन्य कलाकारों को भी अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल सामाजिक मुद्दों के लिए करना चाहिए।

पहले तो उन्हें ऐसी विज्ञापन फिल्मों में काम ही नहीं करना चाहिए जिनके उत्पादों का लेबोरेटरी में परीक्षण नहीं किया गया हो। नए कलाकारों को विज्ञापन फिल्में मिलती ही नहीं हैं। सुपर सितारों को विज्ञापान करने से पहले संबंधित प्रोडक्ट की जांच करवानी चाहिए। आलम यह है कि विज्ञापन वाले सोडे के विज्ञापन के माध्यम से अपनी शराब का विज्ञापन कर रहे हैं। संसार में जितनी मधुमक्खियां नहीं हैं उतना शहद बेचा जा रहा है। दुग्ध उत्पादन के लिए व्यवस्था ने बहुत प्रयास किए हैं। विज्ञापन फिल्मों में अभिनय करने वाले कुछ सितारों ने यह कहा है कि इन फिल्मों से मिलने वाला धन वे समाज कल्याण के लिए खर्च करते हैं। दरअसल इससे अधिक तर्कहीन और लचर बात कोई और नहीं हो सकती।

यह चिंता की बात है कि बच्चों पर विज्ञापन फिल्मों का बुरा असर पहले पड़ता है। स्कूल परिसर की बाहरी दीवारों पर तर्कहीन विज्ञापन प्रकाशित होते हैं। यहां तक की रेलगाड़ी के सफर में किसी शहर के आने के पहले दीवारों पर अंकित विज्ञापन मुसाफिरों को नजर आते हैं। इसे सरकारी और गैर-सरकारी प्रयास से रोका जा सकता है।

भूमि पेडनेकर की तरह अन्य सितारे भी समाज कल्याण के लिए कार्य करें तो उनका नाम भी होगा और उन्हें अभिनय के लिए अधिक मेहनताना भी मिल सकता है। भूमि ने यकीनन यह कार्य अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए नहीं किया है।

आजकल कुछ फिल्म निर्माता अपनी यूनिट के लिए पांच सितारा होटल में सेहतमंद भोजन ही पकवाते हैं, ताकि सबकी सेहत अच्छी रहे। यूनिट के भोजन का ध्यान रखने से फिल्म की गुणवत्ता भी बढ़ती है। कुछ शिक्षण संस्थानों में छात्रों का भोजन भी बड़े वैज्ञानिक ढंग से बनाया जाता है। क्योंकि स्वस्थ शरीर, अच्छी भावनाओं को जन्म देता है और मानवीय करुणा से ओतप्रोत भावनाएं सेहत भी सुधारती हैं। हावर्ड और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दिए गए भाषण वे संस्थाएं ऐतिहासिक दस्तावेजों की तरह संभाल कर रखती हैं और उनके वाचनालय से कोई भी छात्र इसकी कॉपी मंगवा सकता है। इसके लिए नाम मात्र का पैसा लिया जाता है। पत्र व्यवहार द्वारा भी इन दस्तावेजों की प्रतियां प्राप्त की जा सकती हैं। कुछ वर्ष पूर्व युवा छात्रों ने जुलूस निकालकर पृथ्वी के संरक्षण के उपायों पर ध्यान देने का काम किया है और भूमि फिर सबके लिए इस दिशा में प्रेरक भूमिका निभाएंगी।