मत मर तू नेता / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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वे कल मर गये। कुर्सी के नीचे मरे। ऊपर मरते तो उनके पार्थिव शरीर को शास‌कीय सम्मान से फूँकना पड़ता। शासन का धन फुंकने से बच गया। वे अपोलो अस्पताल में मरे। कई महान लोग अपोलो अथवा आयुर्वेद संस्थान में मर जाते हैं। जसलोक भी मरने के लिये उत्तम जगह है। वे पचासी साल की अल्पायु में ही मर गये अपोलो ने ब्रह्मा के संविधान को चेलेंज करने एवं यमराज को अंगूठा दिखाने का भरसक प्रयत्न किया फिर भी वे मर गये। नेताओं को मुफ्त मिलती है आक्सीजन,इसलिये आक्सीजन कई सिलेंडर उनके सीने में उतार दिये गये किन्तु वे विपक्ष की तरह अड़ियल बने रहे और मर गये। वे इंसेंटिव केयर यूनिट में मरॆ। डाक्टरों की केयर के बाद भी मर गये।

देशवासियों ने अपील की थी अभी मत मरो, मरने पर क्षितिपूर्ति कैसे होगी परंतु विश्वास मत पारित कराये बिना ही मर गये। पहले विदेश गये थे मरने, पर डाक्टरों ने मना कर दिया। अपने अस्पतालों में नहीं मरने दिया, मारकर क्यों हाथ गंदे करें। कह दिया जाओ अपने हिन्दुस्तान में ही मरो,इसलिये वापिस आते ही मर गये। जिन्दा नेताओं को बहुत दुख हुआ उनके मरने का। प्रेस नोट जारी करना पड़े। देश का महान पुरुष दुनियाँ से उठ गया। त्याग और बलिदान की साक्षत मूर्ति उन्हें बताया गया।

कल के पहले तक वे अपने दल के विरोधी गुट के लीडर थे, बेइमान गद्दार और चापलूस थे परंतु मरते ही गुणों की खदान हो गये। कल ही एक रिक्शेवाला अपने रिक्शे में मर गया। वह मानवता का बोझ ढोता हुआ सड़क पर चला जा रहा था,अचानक दिल में दर्द उठा और वह अपनी सीट छोड़कर रिक्शे में भरती हो गया और मर गया। बिल्कुल पास होने के बावजूद‌ उसे किसी शहरवासी ने अस्पताल में भरती नहीं कराया, इसलिये वह अपने ही रिक्शे में भरती हो गया और मर गया। वह पच्चीस साल की लंबी आयु में मरा। दो बीवियों और चार बेटियों को बिलखता छोड़कर मरा। उसका पार्थिव शरीर रिक्शे में पड़ा है। आज तक‌ पड़ा है। उसे श्रद्धांजलि देने रिक्शा बिरादरी तक नहीं आई।

मृतक को गाली दे रहे हैं बिरादरी वाले। डर के मारे लोग रिक्शों में नहीं बैठ रहे हैं। चालक रास्ते में मर गया तो कैसे पहुँचेंगे घर,पुलिस का डर अलग से। क्यों मर जाते हैं बड़े नेता। कितना नुकसान होता है देश का। उनका त्याग और बलिदान मरने के बाद ही याद आता है। देश के सुरक्षाकर्मी और नेताओं के अंग रक्षक क्या करते हैं?यमराज डाकू मानसिंह सा नेता जी के शरीर से प्राण निकाल ले जाता है। और अंगरक्षक खड़े रह जाते हैं। सुरक्षा व्यवस्था धरी रह जाती है। निकम्मे हैं सुरक्षाकर्मी सब के सब।

नेता तू मत मर। यमराज से गोटी फिट कर। जैसे तू अल्पमत में सरकार चला लेता है। वैसे ही यमराज को चला। यमराज के कहने पर मत चल। सारा देश चाहे मर जाये किन्तु मत मर। देश की क्षतिपूर्ति कैसे होगी। मत मर तू नेता।