ये रातें नई पुरानी,कहती हैं कोई कहानी / जयप्रकाश चौकसे

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ये रातें नई पुरानी,कहती हैं कोई कहानी
प्रकाशन तिथि : 28 जनवरी 2022


गौरतलब है कि क्राइस्ट के जीवन के अंतिम भाग का विवरण देने वाली किताबों को पैशन प्ले कहते हैं। एक फिल्मकार ने विकसित टेक्नोलॉजी का उपयोग करके प्रस्तुत किया कि कैसे क्राइस्ट को मजबूर किया गया कि वे लकड़ी का भारी क्रॉस लेकर उस स्थान तक जाएं, जहां उन्हें बांधकर उनके हाथ और पांव में कीले ठोक दिए जाएंगे।

फिल्मकारों ने इतने यथार्थवादी ढंग से यह फिल्म बनाई कि सिनेमाघर में दर्शक चीख पड़े। कुछ दर्शक तो बेहोश हो गए। कुछ पर तो मनोवैज्ञानिक प्रभाव वर्षों तक रहा। नतीजतन, समाज ने फिल्म पर प्रतिबंध लगवा दिया। फिल्मकार ने कहा कि उसका उद्देश्य सफल रहा। गोया की यकीन दिलाने की कला सिनेमा में आम आदमी क्राइस्ट के दर्द से दहल जाता है, तो यथार्थ में क्राइस्ट ने कितना दर्द सहा होगा? जिसका अनुमान लगाया जा सकता है।

यह पैशन प्ले ‘मेल गिब्सन’ की बनाई हुई फिल्म है। यह दुखद है कि मानवीय करुणा को मानने वाले देशों में ही सबसे अधिक युद्ध हुए हैं और उनका इतिहास रक्तरंजित है। अन्य देशों ने अपनी स्वतंत्रता के लिए संग्राम किया है।

जर्मनी ने जापान से भारी मात्रा में आयरन अयस्क खरीदा। जापान को उस समय मालूम नहीं था कि यही आयरन अयस्क एक दिन उनके देश पर बम बनकर बरसेगा। पर्ल हार्बर पर बम गिरने के बाद नागासाकी और हिरोशिमा पर अणु बम गिराए गए।

तीज-त्यौहार तरह-तरह के उत्सव सारे समाजों में मनाए जाते हैं। आम आदमी को खुश रहने के लिए बस बहाना चाहिए। भारतीय क्रिश्चियन समाज से प्रेरित एक फिल्म का नाम है ‘जूली’। फिल्म में ओमप्रकाश अभिनीत पात्र रेल ड्राइवर है। जब भी छुट्टी मिलती थी वह अपने परिवार के बीच आता था। यह पात्र हमेशा खुश मिजाज बना रहता है। इनके पड़ोस में एक अन्य धर्म का परिवार रहता है। दोनों परिवार बड़े प्रेम से रहते हैं। इस परिवार के युवा और क्रिश्चन लड़की के बीच में प्रेम हो जाता है। इस बात को लेकर अब दोनों परिवारों में तनाव होता है। इस फिल्म में प्रीति सागर ने अंग्रेजी भाषा में एक गीत गाया था

‘माय हार्ट इज बीटिंग, कीप्स ऑन रिपीटिंग आईएम वेटिंग फॉर यू’। यह गीत बहुत लोकप्रिय हुआ था। इस फिल्म में क्रिसमस अवसर पर भी एक गीत था, ‘ये रातें नई पुरानी, आते- जाते कहती हैं कोई कहानी, आ रहा है देखो कोई जा रहा है…सबके दिल हैं जागे-जागे सबकी आंखें खोई-खोई ख़ामोशी करती हैं बातें।’ ज्ञातव्य है कि ‘जूली’ में ही श्रीदेवी ने नायिका की छोटी बहन की भूमिका अभिनीत की थी।

यह भी विचारणीय है कि क्रिश्चियन समाज में हॉरर फिल्में जाने कैसे जुड़ गई हैं। भूत को भगाने के लिए उस पर क्राइस्ट के पैर का पवित्र जल छिड़का जाता है। एक प्रेतात्मा के ऊपर चर्च का ऊपरी हिस्सा टूटकर गिरता है। तभी उसका विनाश होता है। कुछ फिल्मों में कुरीतियों पर प्रहार किया गया है। सिनेमा इतिहास में पहली हॉरर फिल्म को भी क्रिश्चियनिटी से जोड़ा गया है। भारत में रामसे परिवार हॉरर फिल्म बनाने के लिए प्रसिद्ध था। परिवार के मुखिया भारत विभाजन के पूर्व सिंध में फिल्में ही बनाते थे। भारत आकर मुखिया ने अपने सातों पुत्रों को फिल्म विधा पढ़ाई। परिवार के एक सदस्य ने बड़े सितारे को अनुबंधित करके नए किस्म की फिल्म बनाई। इस फिल्म की सफलता के बाद तुरंत ही परिवार की परंपरा की फिल्म बनाने लगा। रामसे परिवार के दो भाई कैमरामैन थे। एक पटकथा लेखक, एक ध्वनि विभाग का विशेषज्ञ था। इस तरह परिवार ने इसे कॉटेज इंडस्ट्री बना दिया।