लंबू तै जो प्यार होग्या / नवीन रमण

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जसवंत और कंचन

जसवंत

मन्नै पहले ए बेरा था अक तू किसे न किसे दिन इसी हरकत करे बिना कोनी मान्नै।

तू मन्नै उन लैटरा के नाम पै डरा वै सै। यो शक तो मन्नै पहल्या ए था। इसे मारे वै लैटर मन्नै कदे आपे कोनी लिखे। जबे मन्नै उन मैं आपणा नाम कोनी लिख्या।

दिखा दिए जिस तै भी दिखा ए हो। मेरा घण्टा नी पाटदा तेरे पै। तेरे जिसे सो हांडै। इब हांडे जा इस ऊंट बरगे गात नै ले कै।

तेरे बरगा नू ए मुंह मारदा फिरया करै।

भाड़ मैं जा तू अर तेरे लैटर। तन्नै मेरी कदर कदे नी जाणी।

जा जिस गेल दो बजाणे हो बजा ले मेरी गेल तो ढेड़ बजै थे तेरे।

कंचन