लीडर / खलील जिब्रान / सुकेश साहनी

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(अनुवाद :सुकेश साहनी)

पवित्र नगर की तलाश में जाते हुए मेरी मुलाकात एक दूसरे यात्री से हुई, मैंने उससे पूछ लिया, "पवित्र नगर पहुँचने का सही रास्ता यही है क्या?"

उसने कहा, "मेरे पीछे-पीछे चले आओ, चौबीस घंटों के भीतर तुम पवित्र नगर पहुँच जाओगे।"

मैं उसके पीछे चल पड़ा। हम दिन-रात चलते रहे, कई दिन बीत गए, पर हम पवित्र नगर नहीं पहुँचे।

तभी अप्रत्याशित बात हुई, वह मुझ पर बरस पड़ा; क्योंकि मैं जान गया था कि उसे पवित्र नगर के रास्ते के बारे में कोई जानकारी नहीं है। -0-