लोरियाँ / खलील जिब्रान / सुकेश साहनी

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(अनुवाद :सुकेश साहनी)

हम प्रायः अपने बच्चों को लोरियाँ गाकर इसलिए सुलाते हैं ताकि हम खुद चैन से सो सकें।