विलीन / अशोक भाटिया

Gadya Kosh से
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आज वह फेसबुक पर सुबह ही बैठ गया था। कुछ दिन पहले तक उसके हजारों फेसबुक फ्रेंड थे। उनमें से कई तो कभी भी कोई पोस्ट नहीं डालते थे। फिर भी वह रोज़ सबकी नयी पोस्ट नहीं देख पाता था। इसलिए पिछले दिनों में बहुतों को 'अनफ्रेंड' करने के बाद अब सात-आठ सौ फ्रेंड ही रह गए, तो उसने राहत की सांस ली।

आज उसने तेज़ी के साथ पोस्ट देखनी शुरू कीं ...मित्र अनुरोध...कट...दोस्त बनाने के लिए सुझाव...कट...पहले ही मुश्किल से कम किये...उसने टैग वाली पोस्ट देखना शुरू किया...ओह! दुखद...आगे चलो...दुखद खबर...हो गई चलो...अभी कई आयेंगीं ऐसी... नमन...वाह, शानदार...लाइक...आगे...लाइक...लाइक...चलो-चलो जल्दी...वीडियो...किसका है? ...कौन देखे...लाइक...बच्चे की फोटो...लाइक...सेहत के नुस्खे...अरे टाइम कहाँ है...लाइक...लाइक...उसका अंगूठा तेज़ी से दृश्यों को ऊपर भेज रहा था, पर पोस्ट थीं कि ठट्ठ के ठट्ठ चले आ रहे थे ...वह कुछ को आधा-अधूरा पढ़ता और अंगूठा चला देता ...रोचक प्रसंग आता तो वहाँ तक पढ़ता, जहाँ 'आगे देखें' लिखा होता। फिर भी वह इन सबके बीच घिरकर थक चुका था...

फेसबुक छोड़ वह उठ खड़ा हुआ। लेकिन उसका दुर्निवार आकर्षण उसके मस्तिष्क को आलोड़ित करता रहा। वह एक कप चाय लेकर फिर बैठा...सामने सूचनाओं का अंतहीन इंद्रजाल था ...कितनों ने प्रोफाइल फोटो बदल डाली थी...कितनों ने बीते वक्त की अपनी फोटो या कोई ग़ज़ल या घूमने-फिरने की दर्जनों फोटो डाल रखी थीं...अब कौन देखे यह सब...शुरू के दिनों में ये सब अच्छा लगता था...पर अब टाइम पास लगता है...उसकी आँखें मुंदने लगीं...सिर भारी हो उठा...पेट भी गुड़गुड़ करने लगा...फिर भी वह दृश्य-जाल से बाहर नहीं निकल पा रहा था ...मजदूर दिवस पर कार्यक्रम के एक दर्जन फोटो और विचार...अरे हर बार वही सब बातें...चलो आगे...

उसे याद आया, सुबह एक लेख था बेहतर समाज पर...क्या था भला? ...क्या नाम था? ...'कल का समाज' नाम था...किसका था? ...याद नहीं आ रहा...इधर उसके हाथों की उँगलियाँ तेज़ी से घूम रही थीं...लाइक...लाइक...लाइक...उधर उसका मन पीछे को भागकर सुबह के लेख को खोज रहा था...लेकिन उसकी आँखों के सामने आज देखी सूचनाएँ और दृश्य गड्डमड्ड होते जा रहे थे ...वह चाहकर भी कुछ सोच नहीं पा रहा था...वह लेख भी थोड़ा-सा पढ़कर लाइक कर दिया था...चलो अब कौन उसे दोबारा खोजे... गया तो गया...अब तक उसका मन बिलकुल खाली और उचाट हो चुका था...

फेसबुक को अधूरा छोड़ उसने व्हाट्सएप खोल लिया... -0-