सच्चाई / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

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आज परीक्षाफल घोषित होना है, सुबह से ही छात्रों एवं अभिभावकों का जमघट लग गया है। परीक्षा–प्रभारी मोहनसिंह सूची हाथ में लेकर मंच पर माइक के सामने जा पहुँचे।

श्री खण्डेलवाल आठ–दस बिगड़ैल छात्रों के साथ थोड़ा फासले पर खड़े थे। इन छात्रों के अनुत्तीर्ण होने की संभावना थी। मोहनसिंह फेल होने वाले छात्रों के नाम पढ़ते गए. बुदबुदाहट शुरू हो गई. खण्डेलवाल के चहेते अधिकतर आवारा छात्र फेल हो गए थे।

मोहनसिंह ने अनुत्तीर्ण छात्रों में अन्तिम नाम रामसिंह का पढ़ लिया। एकदम चुप्पी छा गई. लिस्ट मोड़कर जेब में रखी और मंच से नीचे उतर आए. रामसिंह उन्हीं का बेटा था।