सजाए / एस. मनोज

Gadya Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मधु कालेज सँ घुरि रहल छल। बाट में थाना लग भीड़ देखलक। लगै जेना शहर में दोसर ठाम लोके ने होइ. जाम सन लागल रहै।

मधुक मोन भेलै जे पता करी जे कथीक भीड़ छै। मुदा, भीड़ के देखैत हिम्मति नहि होइ. तैयो ओ भीड़ दिस गेल। लोक सभ सँ पुछलक जे कथीक भीड़ छै।

एक गोटे कहलकै जे ककरो लहास आएल छै।

मधु सोचलक-दुर जो, लहासे देखऽ लेल एते भीड़।

एक गोटे कहलकै-एकटा विचित्रा अपराधी पकड़ेलैए.

मधु ओहि आदमी सँ पुछलक-विचित्रा अपराधी माने? अपराधी तऽ अपराधी भेलै। विचित्रा की?

ओ बाजल-एकटा युवक के पकड़ने छै पुलिस। ओकरा गरदनि में तख्ती लटकल छै। दुनू हाथ में एकहक टा शिल्ड है।

मधुक उत्सुकता बढ़लै। ओहि अपराधी के देखऽ लेल लऽग जेबाक प्रयास केलक। मुदा, देख नहि सकल। ओकरा भूख लागल छलै। ओ बैग सँ पानिक बोतल बहार केलक, पीलक आ घर दिस बिदा भऽ गेल।

घर अबिते सोफा पर बैसि गेल। आँखि मुनने बैसल छल। जेठकी बहिन पुछलकै-की भेलौ? मौन-व्रत धारण केने छें।

मधु बाजल-थाकि गेलियै दीदी। थाना लग बाट जाम छै। एते लोक छै जे पैदलो अएनाइ मोश्किल।

बहिन पुछलकै-कथी के एते भीड़ छै? -एकटा विचित्रा अपराधी के राखने छै। -विचित्रा? -हँ, ओकर दुनू हाथ में एकहक टा शिल्ड छै आ गरदनि में तख्ती लटकल छै। -कथीक शिल्ड छै?

मधु बाजल-से की जानऽ गेलियै। कोशिश केलियै जे देखियै। की लिखल छै तख्ती पर आ शिल्ड कथीक छै? मुदा, भीड़क कारण पहुँचि नहि सकलियै। -उठ, फ्रेस भऽ कऽ खो गऽ। -हँ दीदी। बड़ भूख लागल छै। जल्दी सँ खा कऽ जेबै। -कतऽ? -थाना। देखऽ लेल जे कथीक शिल्ड छै? -जा कऽ खो आ अपन काज कर। बेकार के बात।

मधु रोकलक बहिन के-तोहूँ चल ने दीदी। तों चलबे तँ मम्मी नहि तमसाएत। तोरा तँ देखक चाही। अपराधी आ ओकर मनोविज्ञान सम्बंधित विषय छौ तोहर पी एच डी के. -हमर खुसामद नहि कर। तों चलि जइहें। हम मम्मी के कहि देबै।

फेर जखन मधु थाना पहुँचल त भीड़ बहुत कम भऽ गेल रहै। छिटफुट लोक सभ। ओ अपराधी सेहो ने देखेलै।

थाना परिसर में ओकरा कोमल पर नजरि पड़लै। ओ कोमल के चिन्हि नहि पबै छल। दिमाग पर जोड़ देलक। हँ, उहे कोमल छै, ओकर कोमलिया। दूए साल बियाह भेला भेलैए, ओकर चेहरे उतरि गेलै। मधु कहैत रहै जे पी. जी. कऽ ले, मुदा नहि केलकै।

मधु चिचिआएल-गे कोमलिया! तों एतऽ?

कोमल थानाक बरंडा पर चढ़ैत छल, मुदा रुकि कऽ पाछाँ तकलक। नीचा उतरऽ लागल, तँ महिला पुलिस टोकलकै। कोमल कहलक-संगी अछि। एतहि कने बतिया लै छी। -तों एतऽ?

कोमल बाजल-पहिने तों ने कह। -हम कौलेज सँ जाइत रही, तँ भीड़ देखने रहियै। लोक सभ बजैत छल जे एकटा विचित्रा अपराधी छै। तखन नहि देखि सकलियै। तकरे देखऽ अएलियैए.

कोमल मधुक मुँह दिस तकैत रहल।

मधु बाजल-मुदा, तोहर एहन हाल किए छौ? चिन्हाइते ने छें। -की करबही बूझि कऽ। -माने?

कोमल बाजल जे बियाहक बाद छओ मासक भीतरे सँ ओकरा सासुरक उपद्रवक पात्रा बनऽ पड़लै। सोझे मुहें तँ नहि, मुदा ओकर नैहर सँ किछु-ने-किछु माँग होइत रहलै। आ से नहि भेटने ओकर बान्ह-छेक शुरू भऽ गेलै।

बिच्चहिमे मधु पुछलक-मुदा, तोहर वर तँ बड़ प्रतिभाषाली छलाह।

कोमल बाजल-वैह छै एहिठामक विचित्रा अपराधी। की कहियौ? हम सतर्क नहि रहितहुँ, तँ मारि देने रहितए हमरा।

मधु चुप। -हम सोचैत रहलिऐ जे ठीक भऽ जेतै। मुदा हमरा वर के हमरा लग सूतऽ सऽ मतलब आ ओकर माय-बाप के रूपा सऽ। -मुदा, तोहर वर तऽ नोकरी करैत छथुन। -हँ। मुदा, संतोष नहि छलै ओकरा। हमर स्वतंत्राता छीनि लेलक। माइयो-बाबू सऽ अपने-सामने में गप करऽ दिअए. ऑफिस जाए, तँ एकर माय पहरा पर रहए. घर में एकटा मोबाइल रहै, जे बुढ़िया अपने लग राखए. नरको सऽ खराप जिनगी बना देलक। एकदिन अनचोके बेहोस भऽ गेलियै, तऽ उठा-पुठा कऽ लऽ अनलक डाक्टर लग।

कोमल चुप। मधुक नजरि कोमलक पेट दिस गेलै। पेटक उभार देखाए लागल रहै। -की देखै छही। एकरे खतम करऽ लेल लऽ गेल रहए डाक्टर लग। डाक्टरो ओकरे दिस छल। डाक्टर ओहिठाम जाइत-जाइत हमरा होस आबि गेल छल। सोचलहुँ, एतहि सऽ भागै छी। एकटा महिला लग मोबाइल देखलियै। माँगलियै, तऽ बुढ़िया खोखिआएल. तैयो ओहि महिला सँ मोबाइल लऽ कऽ पापा के फोन केलियै। ताबत हल्ला-गुल्ला मचा देलक ई सभ। किछु लोक के जुटैत देखि डाकटरबा बदलि गेल। बाजल जे बिना हिनकर सहमतिक एबोर्सन नहि भऽ सकै छनि। हमर वर स्थिति के देखैत अपन बात बदललक। बाजल जे हमहीं एबोर्सन लेल कहने रहियै। हम विरोध केलियै। बुढ़िया हमरा घीचि कऽ ओतऽ सऽ लऽ जाए चाहलक। वर सेहो। मुदा, हम खुट्टा भऽ गेलियै। ताबत हमर पापा आ कका आबि गेलाह। हुनका सभ के देखितहि ई सभ चुपचाप भागि गेल। एकटा युवक हमर कका के कहलक जे तकै की छी। जाउ थाना। रिपोर्ट लिखाउ आ एहन पतित सभ के जहल पठाउ। ओ हमर पापा सँ ह्वाट्स ऐप नम्मर पुछलक आ एकटा विडियो शेयर करैत कहलक जे सेभ कऽ लिअऽ। काज देत। अगिला दिन अखबारमे ई घटना छपि गेलैक।

मधु चकित छल। लगलै, ओकर माथ फाटि जेतै।

कोमल बाजल-से, आइ पकड़ा गेलैए.

मधु ताकऽ लागल जे कतऽ अछि।

तखनहि एकटा अधिकारी थाना अएलाह। थाना सतर्क भऽ गेल।

मधु बाजल-भने केलें। आब जाए दही जेल। -थाना में एकरा विरुद्ध सभटा सबूत जमा भऽ गेल छै।

तखने कोमलक बजाहटि भेलै। मधु ओकर माता-पिताक संग छलि। कोमलक बयान लेल गेलै।

तकर बाद अनचोके कोमल थाना इंचार्ज के कहलक-हम ई केस वापस लेबऽ चाहै छी।

सभ आश्चर्यचकित।

कोमल बजैत रहल-हम चाहै छी जे ई जेल नहि जाए. जेल सऽ बाहरे ई जेल सन जिनगी जिबए. सर, आइ जे एकरा अहाँ सभ एकरा सजाए देलियै, सैह बहुत छै। एकर फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भऽ रहल छै। आब एकरा हम देबै सजाए. हम ने एकरा तलाक देबै आ ने लेबै। ई जँ तलाक लेबऽ चाहत तँ, अइ केस के फेर सऽ जिआ देबै। एकरा सर-समाज में माथ उठाबऽ योग्य नहि रहऽ देबै। बड़ काबिल छल, बड़ पुरस्कार जीतने छल। आब हम देबै पुरस्कार।

कोमल बजैत-बजैत हकमऽ लागल। अधिकारीक संकेतक बाद एकटा महिला सिपाही ओकरा एक गिलास जल देलकै।

अधिकारी बजलाह-अहाँ की बाजि रहल से बूझै छियै। अहाँ के न्याय व्यवस्था पर विश्वास नहि अछि की?

कोमल बाजल-विश्वास अछि। से नहि रहितए तँ एतऽ किएक अबितहुँ? मुदा आब हम चाहै छी जे केस वापस लऽ ली।

अधिकारी बजलाह-थाना के हंसी-खेल बूझै छियै की?

सभ चुप।

अधिकारी कने सहज होइत बजलाह-रिलैक्स होउ। जाउ बाहर। कने टहलि लिअऽ। अपन निर्णय पर फेर सऽ विचार करू।

कोमल बाहर आयल।

मधु बाजल-ई की कहि देलही कोमलिया?

कोमल जवाब नहि देलक। बाजल-चल, तों ओहि विचित्रा अपराधी के देखऽ चाहै छें ने।

आगाँ-आगाँ कोमल आ पाछाँ-पाछाँ मधु हाजति दिस गेलि।

एकटा में वृद्धा छलि। कोमल बाजलि-यैह अछि बुढ़िया। माने सासु।

दोसर में दू गोटे छल। कोमल बाजलि-ई अछि हमर ससुर आ एकरा तँ चेहरे सँ चिन्हि जेतै सभ।

मधु देखलकि। कोमलक वरक हाथक एकटा शिल्ड पर लिखल छलै-दहेज प्रथा विषयक निबन्ध हेतु प्रथम पुरस्कार।

दोसर पर लिखल छलै-भ्रूण हत्या विषयक निबन्ध हेतु प्रथम पुरस्कार।

मधु एकटक शिल्ड दिस ताकि रहल छल।

कोमल बाजल-देखै की छही? अइ पतितहाके राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भेटल छै ई सभ।

आ गरदनि में लटकल तख्ती पर लिखल छलै-दहेज प्रतारणा आ भ्रूण हत्याक आरोपी मधु कोमल दिस तकलक।

कोमल बाजलि-हमर निर्णय नहि बदलत।