समय का सदुपयोग / गोवर्धन यादव

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पंद्रह वर्ष पूर्व सेवानिवृत हुए शिक्षक रामदयालजी से एक अख़बार के संवाददाता ने उनके सुखी जीवन, स्वस्थ शरीर और दिर्घायु होने का कारण जानना चाहा तो उन्होंने मुस्कुराते हुए जबाव दिया भाई, मैंने कभी भी इस विचार को मन में हावी नहीं होने दिया कि मैं सेवानिवृत हो गया हूँ और खाली समय का सदुपयोग करते हुए पास-पडौस के गरीब बच्चों को निशुल्क पढाता हूँ, पता ही नहीं चलता कि इसमें कितना समय बीत गया है, शायद यही रहस्य है, जो आज मैं नीरोग और प्रसन्नचित्त हूँ, "