समर्थ परिवार की चौथी पीढ़ी का प्रवेश / जयप्रकाश चौकसे

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समर्थ परिवार की चौथी पीढ़ी का प्रवेश
प्रकाशन तिथि : 30 मार्च 2019


सलमान खान अपने मित्र और सहकलाकार मोहनीश बहल की पुत्री प्रोनूतन को अभिनय क्षेत्र में प्रस्तुत करने जा रहे हैं। शोभना समर्थ की पुत्रियां नूतन और तनुजा ने स्वीट्जरलैंड के फिनिशिंग स्कूल में पढ़ाई की है। इस संस्था में आधुनिक धनाढ्य परिवार में किस तरह का व्यवहार करना है, यह सिखाया जाता है। भोजन की मेज पर रखे कांटे व छुरी को कैसे पकड़ना चाहिए यह भी सिखाया जाता है। बात कमोबेश वैसी ही है जैसी बर्नार्ड शॉ के नाटक 'पिगमेलियन' में दो दोस्त अपनी शर्त की खातिर निम्न वर्ग से एक कन्या को लेकर संभ्रांत लेडी की तरह प्रस्तुत करते हैं। बर्नार्ड शॉ के इस नाटक पर बनी फिल्म का नाम 'माय फेयरलेडी' था, जिससे प्रेरित होकर अमित खन्ना ने टीना (अंबानी) मुनीम और देव आनंद के साथ 'मनपसंद' नामक फिल्म बनाई थी। तनुजा की पुत्री काजोल ने अजय देवगन से विवाह किया। ज्ञातव्य है कि शोभना समर्थ ने 'राम राज्य' नामक फिल्म में सीता की भूमिका निभाई थी परंतु अपने यथार्थ जीवन में इतनी आधुनिक थीं कि अभिनेता मोतीलाल से अपने अंतरंग संबंध को कभी छिपाया नहीं। पांचवें दशक में मोतीलाल इतने बड़े स्टार थे कि जिस रंग का सूट पहनते थे, उसी रंग की कार का इस्तेमाल करते थे। उनके 'तबेले' में कई कारें थीं। उन्होंने 'छोटी-छोटी बातें' नामक एक सार्थक फिल्म का निर्माण भी किया था। फिल्म के एक दृश्य में उम्रदराज सेवानिवृत्त व्यक्ति अपने भरे पूरे परिवार के साथ डिनर टेबल पर बैठा है। परिवार के सदस्य स्वादिष्ट पकवान का थाल अपना हिस्सा लेकर आगे बढ़ाते हैं और जब थाल सेवानिवृत्त मुखिया के पास पहुंचता है, उसमें एक छोटा-सा टुकड़ा बचा होता है। पारिवारिकता का ढोल पीटने वाले स्वयं अपने उम्रदराज बुजुर्ग से कैसा व्यवहार करते हैं। राजनीति में भी यही कहानी है।

नूतन का विवाह नौसेना के उच्च अधिकारी से परिवार ने ही कराया था और उन्होंने 'सूरत तथा सीरत' नामक फिल्म भी बनाई थी। फिल्म की थीम थी कि मनुष्य का चेहरा नहीं चरित्र महत्वपूर्ण है। तब अफवाह थी कि पति महोदय सख्त मिजाज व्यक्ति हैं। उन दिनों नूतन और संजीव कुमार के नज़दीकी रिश्ते की खबर थी तो नौसेना अफसर पति ने नूतन को बाध्य किया कि वह सेट पर संजीव कुमार को थप्पड़ लगाए। प्रेम में ईर्ष्या का प्रवेश अकारण हिंसा को जन्म देता है।

बहरहाल, मोहनीश बहल के आचार-विचार से पूरा फिल्म उद्योग परिचित है। वे नौसेना अधिकारी के पुत्र हैं परंतु अपनी मां की तरह विनम्र हैं। नूतन ने सीमा, अनाड़ी, सुजाता, और बंदिनी जैसी महान फिल्मों में हृदयस्पर्शी अभिनय किया। नूतन की मृत्यु के कुछ समय बाद उनके कोलाबा स्थित फ्लैट में आग लगी और नूतन के पति की मृत्यु हुई। इस अग्निकांड की जांच भी हुई परंतु इसे षड्यंत्र नहीं माना गया। मोहनीश बहल पर अनावश्यक शंका की गई थी।

अब प्रोनूतन नाम पर गौर करें। यह आपको नूतन की याद दिलाता है। कपूर परिवार की तरह समर्थ परिवार की भी चौथी पीढ़ी अभिनय क्षेत्र में सक्रिय हुई है। हमारे परिवारों में नामकरण करते समय नवजात शिशु को परिवार के बुजुर्गों से जोड़े जाने की परम्परा रही है। कई बार अजीबोगरीब नाम सामने आते हैं। प्रोनूतन भी ऐसा ही नाम है।

बहरहाल, सलमान खान अनेक लोगों को अवसर दे रहे हैं। उनके निवास स्थान के सामने बीमारों की कतार लगती है साथ ही गरीब छात्र भी अपने प्रमाण-पत्र सहित मौजूद होते हैं। अब अभिनय क्षेत्र में प्रवेश के लिए तीसरी कतार भी लगने लगी है। वे फिल्म उद्योग को वह लौटा रहे हैं, जो इस उद्योग ने उन्हें दिया।