सरकार नै यैं किसे दिन दिखा दिए / नवीन रमण

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पूजा और मुकेश

यार मुकेश

तन्नै नू के पता होगा। अक दुनिया का पहला sms 1992 मैं करया ग्या था। आज म्हारे प्यार नै दो साल होगे। पर मैं तेरे तै पहली बार sms करण लाग री सूं। ओ बी मजबूरी मैं। आरक्षण के चक्कर मैं नेट बन्द होग्या। व्हाट्सऐप तै बढ़िया काम चाल रह्या था। रोज बात हो जाया करती। लिखण की इसी आदत पड़ गी सै। अक फोन पै बात करण मैं ओ मजा नी आंदा। बात करण का मजा तो रात नै ए सै। दिन मैं तो व्हाट्सऐप तै बढ़िया कुछ नी।

नौकरी करदे-करदे बात करण का इस तै बढ़िया जुगाड़ कुछ नी सै।

यो मैसेज बी मन्नै इसा लाग्गै सै। जणु दो मैसेज जितनी जगह खा ज्यागा। फेर तू इतवार नै मेरे तै मिलण मोटर साईकिल पै आवैगा के? बस तो बन्द कर राखी सै सरकार नै। आरक्षण आल्या के चक्कर मैं।

तन्नै पता सै जाये रोया नै ओ मित्तल फ़ास्ट फ़ूड बी फूँक दिया। जिस पै हाम बैठया करदे। इब किते पार्क मैं ए मिलणा पडैगा। पर पार्क मैं जांदी हाण डर लाग्गै सै। उडै कोए हो फ़िल्म बणा लें सै।

इब तो कई बै इसा लाग्गै सै अक ब्याह होये पीछै ए यो डर दूर होवैगा। टाइम तै आ जाइये। उडै स्टैंड पै आंदे जांदे लोग भूंडी तरिया देखे जा सै। उस दिन तै एक कार आळा नू बोल्या अक कित छोड़ दयू मैडम जी। म्हारै के कांटे लाग रे सै। आज्या नै। कती सारे तरिया के मजे आज्यांगे।

मैं तन्नै उस जूस आळे की दुकान पै मिलूंगी। 50रु तो लाग ज्यांगे पर कलेस तै पिंड छूट ज्यागा।

आई लव यू मुकेश

तेरी पूजा