सलमान खान, कैटरीना कैफ और रणबीर कपूर प्रेम त्रिकोण / जयप्रकाश चौकसे

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सलमान खान, कैटरीना कैफ और रणबीर कपूर प्रेम त्रिकोण
प्रकाशन तिथि :12 जुलाई 2017


फिल्म का प्रदर्शन पूर्व प्रचार इतना महत्वपूर्ण हो गया है कि फिल्म के सितारे रिश्तों के आपसी समीकरण को कुछ समय के लिए स्थगित करके प्रचार में जुट जाते हैं। 14 जुलाई को अनुराग बसु की रणबीर कपूर एवं कैटरीना कैफ अभिनीत 'जग्गा जासूस' का प्रदर्शन होने जा रहा है। जब यह फिल्म शुरू हुई थी तब रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ अंतरंग मित्र थे परंतु प्रदर्शन तक आने के पहले ही उनकी अंतरंग मित्रता भंग हो चुकी है अौर कैटरीना कैफ अपने घरेलू पिच अर्थात सलमान खान की नज़दीकी मित्र हो चुकी हैं। इसके बावजूद फिल्म के प्रचार में उन्हें शामिल होना पड़ रहा है। फिल्म की खातिर रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ एक-दूसरे की प्रशंसा कर रहे हैं और अपने बीच रिश्ते के रसायन की प्रशंसा कर रहे है, जो अब नहीं रहा। अभिनय व्यवसाय में रहते हुए आपको बारह महीनों चौबीसों घंटे अभिनय करना पड़ता है। मूवी कैमरा चल रहा हो या प्रचार समारोह में पत्रकारों के स्थिर चित्रों के कैमरे चल रहे हों।

पहलाज निहलानी द्वारा संचालित सेन्सर बोर्ड का ही कमाल है कि 'जग्गा जासूस' बच्चों के मनोरंजन हेतु गढ़ी गई है परंतु बच्चे केवल वयस्कों के साथ सिनेमाघर जाने पर ही फिल्म देख सकेंगे। अजब-गजब भारत में इस समय एक हास्य प्रहसन मंचित किया जा रहा है। दायां हाथ, बाएं हाथ से पंजा लड़ाकर शक्ति प्रदर्शन करना चाहता है। यह भी खबर है कि नगर निगम जैसी स्थानीय स्वायत्त संस्थाएं मनोरंजन कर की राशि तय करेंगी गोयाकि हर शहर एवं कस्बे के दर्शक अलग-अलग दाम देकर फिल्म देखेंगे और 'एक राष्ट्र एक टैक्स' का मखौल बन जाएगा। भोपाल नगर निगम ने अपना शो टैक्स कई गुना अधिक कर दिया है। व्यवस्था रोजी, रोटी, मकान तो दे नहीं पाई और अब मनोरंजन भी केवल श्रेष्ठि वर्ग तक सीमित कर दिया जाएगा।

अनुराग बसु की 'बर्फी' भी ईश्वरीय कमतरी वाले पात्रों की प्रेम-कथा थी। अनुराग बसु ने महेश भट्‌ट की 'गैगस्टर' निर्देशित की थी, जिसमें एक बार गर्ल और एक अपराधी की प्रेम-कथा थी, जो लंबे समय तक साथ रहने के बावजूद शारीरिक अंतरंगता से दूर रहते हैं। अंतिम दृश्य में दोनों को गोली मार दी गई है और मृत्यु के एक क्षण पूर्व अपराधी बार गर्ल की मांग में सिंदूर लगाता है। उस फिल्म का नाम 'गैंगस्टर' नहीं होना चाहिए था, क्योंकि वह एक प्रेम-कथा है। ज्ञातव्य है कि उसी फिल्म से कंगना रनौट ने अभिनय यात्रा प्रारंभ की थी। बहरहाल, अनुराग बसु बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उन्होंने छोटे परदे के लिए रवींद्रनाथ टैगोर की कथाअों का निर्माण किया था। यह भी याद रखना होगा कि वे ब्लड कैंसर पर भी विजय प्राप्त कर चुके हैं और इलाज की लंबी प्रक्रिया के समय महेश भट्‌ट व मुकेश भट्‌ट उनके साथ खड़े थे।

बताया जा रहा है कि 'जग्गा जासूस' में छोटे-बड़े मिलाकर चालीस गीत हैं। इस तरह से ऑपेरानुमा शैली में उन्होंने फिल्म बनाई है। यह अमेरिका में ऑपेरा शैली में गढ़ी गई 'साउंड ऑफ म्युज़िक' और 'माय फेयर लेडी' से जुदा इस मायने में है कि इसमें गद्य का भी प्रयोग है और गीत भी छोटे हैं। इस फिल्म के प्रचार में रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ साथ में हैं और अगर फिल्म सफल होती है तो हिट जोड़ी को दोहराने की मांग उठ सकती है। गौरतलब यह भी है कि प्रेम दृश्य के फिल्मांकन के समय कभी साथ गुजारे मधुर क्षणों की याद भी हृदय में कौंधती होगी। ज्ञातव्य है कि 'मुगल-ए-आजम' के निर्माण के समय दिलीप कुमार और मधुबाला की प्रेम कहानी भंग हो गई थी और दोनों के बीच अबोला भी था परंतु प्रेम दृश्य भावना की तीव्रता से अभिनीत किए गए हैं। क्या वह महज अभिनय कौशल था या यादों के बुझे हुए तंदूर के नीचे कोई अंगारा दहक रहा था? रिश्तों की दरार से प्रेम की दीवार ढह नहीं जाती और दीवार में पड़ी दरार को छिपाने के लिए दीवार पर राधा-कृष्ण के चित्र लगा दिए जाते हैं और दहकते अंगारों से चित्र झुलसते भी नहीं वरन उनमें इस ताप से अनोखी ताब आ जाती है।

रणबीर कपूर की एक असफल फिल्म में वह बारी-बारी से उन चार लड़कियों से मिलने जाते हैं, िजनके उन्होंने दिल तोड़े हैं। उनकी इस पश्चाताप यात्रा के समय उन चारों का कहीं और विवाह हो रहा है।क्या रणबीर कपूर भी दीपिका पादुकोण और कैटरीना कैफ के विवाह में शरीक होंगे।

राजकुमार संतोषी की हास्य फिल्म 'अजब प्रेम की गजब कहानी' में एक दृश्य था कि नायिका कैटरीना कैफ, सलमान खान की घनघोर प्रशंसिका है और नायक रणबीर डिंगें हांकता है कि सलमान खान से उनकी गहरी मित्रता है तथा बॉडी बिल्डिंग में वे उनके गुरु रह चुके हैं।

एक दृश्य में सलमान खान उनकी गली से गुजर रहा है और कैटरीना जिद करती है कि रणबीर उसे सलमान से मिलाए। यह मिलने का दृश्य अत्यंत मनोरंजक था और सलमान खान रणबीर कपूर के झूठ को सच के रूप में दिखाने का स्वांग पूरी गंभीरता से करता है। इस फिल्म के निर्माण के समय इन तीनों को अनुमान भी नहीं था कि यथार्थ में वे अजब गजब प्रेम त्रिकोण के पात्र बनेंगे गोयाकि जीवन की प्रेरणा से फिल्में रची जाती हैं और फिल्मों का प्रभाव रिश्तों पर भी पड़ता है।

मधुबाला ने अपने बंगले की तल मंजिल पर एक छोटा सिनेमाघर बनाया था और वे प्राय: मुगल-ए-आजम के प्रेम दृश्य देखती थीं। अभी रणबीर कपूर का बीस मंजिला भवन बन रहा है, जिसकी एक मंजिल पर फिल्में देखने का कक्ष भी बन रहा है। क्या वे उस कक्ष में दीपिका पादुकोण व कैटरीना कैफ अभिनीत फिल्मों में अपने प्रेम दृश्यों की रीलें देखेंगे?