सार्त्र का अस्तित्ववाद / प्रभा खेतान / पृष्ठ 1

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प्रभा खेतान की पी-एच.डी. की उपाधि
शोध प्रबंध पुस्तक: समीक्षा

सार्त्र का अस्तित्ववाद : प्रभा खेतान ने कलकत्ता विश्वविद्यालय, कलकत्ता से इस विषय पर दर्शनशास्त्र में पी-एच.डी. की उपाधि ली थीं। वही शोध प्रबंध पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया है। सन् १९८४ में सरस्वती विहार, दिल्ली से प्रकाशित यह रचना सार्त्र के चिंतन पर गहरा प्रकाश डालती है। पुस्तक में क्रमश:

सार्त्र का अस्तित्ववाद बनाम सिद्धांत और निरूपण की व्यवस्था, समवेग का सिद्धांत, अस्तित्व-अनस्तित्व : तर्क प्रणाली (डायलेक्टिक्स), व्यामोह (बेड फेथ) व अस्तित्ववादी मनोविश्लेषण नामक पांच अध्याय हैं। इन सबसे गुजरने के उपरांत सार्त्र व उसके अस्तित्ववाद को एक नई दृष्टि से समझा जा सकता है।

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