सिनेमा का परदा, क्रिकेट पिच और अम्पायर / जयप्रकाश चौकसे

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सिनेमा का परदा, क्रिकेट पिच और अम्पायर
प्रकाशन तिथि :09 फरवरी 2017


अनुष्का शर्मा द्वारा निर्मित पहली फिल्म 'एनएच-10' सफल एवं सार्थक फिल्म सिद्ध हुई थी। उनकी दूसरी फिल्म 'फिल्लौरी' शीघ्र प्रदर्शन के लिए तैयार है। अन्विता दत्त की लिखी फिल्म को अन्शाई लाल ने निर्देशित किया है, जिनका यह पहला प्रयास है। प्रियंका चोपड़ा भी मराठी भाषा की फिल्म 'वेंटीलेटर' का निर्माण कर चुकी हैं। जाहिर है कि इन महिला सितारों के खूबसूरत सुडौल कंधों के ऊपर एक सोचने-समझने वाला दिमाग भी है। हमारे सिने उद्योग के प्रारंभ में ही देविका रानी बॉम्बे टॉकीज की शिखर अधिकारी और मालकिन थीं तथा दुर्गा खोटे ने भी फिल्मों का निर्माण किया है। नरगिस की मां जद्‌दनबाई तो निर्माता-निर्देशक एवं संगीतकार का दायित्व निर्वाह करती थीं। शोभना समर्थ की फिल्म निर्माण संस्था ने उनकी सुपुत्रियों नूतन और तनुजा को प्रस्तुत किया था। गोयाकि भारत में महिला फिल्मकारों की परम्परा रही है। दीपा मेहता की 'फायर,अर्थ' और 'वॉटर' महान फिल्में मानी जाती है।

अनुष्का शर्मा की 'फिल्लौरी' 24 मार्च को प्रदर्शित की जाने वाली है। इस फिल्म की नायिका अपने विगत जन्म में अधूरे रहे कार्यों को नए जन्म में पूरा करना चाहती है। लेखक नीरद चौधरी का कथन है कि हिंदू धर्म में पुनर्जन्म की अवधारणा इसलिए बनी है कि हमारी भोग-विलास की आकांक्षा इतनी तीव्र है कि हम बार-बार धरती पर आना चाहते हैं और इतना ही नहीं हमारे ईश्वर भी अवतार लेते हैं। अत: वे भी बार-बार धरती पर आना चाहते हैं। मान्यता यह है कि इस कलयुग में कल्की अवतार संभव है। टेक्नोलॉजी द्वारा शासित कालखंड को कल (कल मशीन उसके पुर्जे) युग से संबोधित किया जाना उचित भी है। हमारी अवतार अवधारणा के मूल में हमारा जन्मजात आलस्य भी जुड़ा है कि जब-जब संकट आएगा, कोई अवतार आएगा, हमारे लिए काम करेगा और आवश्यकता पड़ने पर हमारे लिए वह मरेगा भी। हमें कुछ नहीं करना है। हम केवल प्रार्थना करेंगे और इंतजार करेंगे। इंतजार को अपने आप में संपूर्ण कार्य भी हम मानते हैं जैसा कि शैलेन्द्र ने एक गीत में बयां किया है, 'तू आए आए हम करेंगे इंतजार, यह मेरा दीवानापन है या मोहब्बत का सुरूर…' यह गीत दिलीप कुमार अभिनीत 'यहूदी' फिल्म का है, जिसे बिमल रॉय ने अन्य किसी निर्माता के लिए निर्देशित किया था।

अनुष्का शर्मा को 'बैंड बाजा और बारात' में आदित्य चोपड़ा ने पहला अवसर दिया था। उन्होंने राजकुमार हिरानी की 'पीके' में भी नायिका की भूमिका अभिनीत की थी। वे सलमान खान के साथ 'सुल्तान' भी कर चुकी हैं। तमाम अफवाहों और विवाद के बावजूद भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली के साथ उनकी अंतरंगता कायम है। कोहली क्रिकेट की अश्वमेध यात्रा पर निकले हैं और अनुष्का शर्मा अपने अभिनय और फिल्म निर्माण में जुटी हैं गोयाकि वे भी अपने क्षेत्र में अपने अंतरंग मित्र कोहली की तरह चौके लगा रही हैं। क्रिकेट मैदान पर 22 यार्ड का पिच होता है और लगभग इतना ही बड़ा सिनेमाघर में परदा होता है। दोनों जगह खेल जारी है। नवाब पटौदी ने सितारा शर्मिला टैगोर से प्रेम विवाह किया था। अंजू महेंद्रु ने गैरी सोबर्स से प्रेम पारी खेली परंतु वे लेग बिफोर विकेट हो गईं और राजेश खन्ना से प्रेम में वे रन आउट हो गईं, क्योंकि डिम्पल ने सीधे स्टम्प पर गेंद फेंकी थीं। रीना राय ने पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी से विवाह किया और कुछ समय पाकिस्तान में भी रहीं परंतु मुल्ला ने क्रिकेट अम्पायर की तरह उन्हें पगबाधा आउट किया, जबकि गेंद उनके बल्ले का महीन-सा किनारा छूकर पैड पर लगी थी। बादलों के परे बैठा परमशक्तिमान 'अम्पायर' भी उतनी ही गलतियां करता है, जितनी क्रिकेट के अम्पायर करते हैं। हमने थर्ड अम्पायर का प्रावधान कर लिया है परंतु उसके निज़ाम में थर्ड अम्पायर का प्रावधान नहीं है। वह इतना िनरंकुश है कि अपने फैसले के खिलाफ कोई प्रतिवाद उसे पसंद नहीं आता। वह जब खांसता है तो धरती पर भूकम्प जाता है। जब उसकी आंखें डबडबाती हैं तो नदियों में बाढ़ जाती है। हम धरतीवासी जब एक-दूसरे की सहायता और सहयोग करते हैं तब उसके चेहरे पर मुस्कान जाती है परंतु ऐसा कम ही होता है। उसका अौर उसकी बनाई कृतियों में सनकीपन और ठसक एक-सी है। उसके आदेश पर मनुष्य के कार्य का लेखा-जोखा चित्रुप्त लिखते हैं। चित्रगुप्त की लिखावट डॉक्टर की लिखावट की तरह कई बार स्वयं उनके पढ़ने में भी नहीं आती है। इसीलिए कई अच्छे लोगों को समय के पहले बुलाने की चूक भी होती है। उन्होंने भी हाल ही में अपनी करेंसी अर्थात कार्य के लेखे-जोखे में धरती पर हुई भूल को ही दोहराया है। ईश्वर मनुष्य का सर्वश्रेष्ठ आकल्पन है।