हरिराम गुरू संवाद / असगर वज़ाहत

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(1) गुरु : तुम्हारा जीवन बर्बाद हो गया हरिराम! हरिराम : कैसे गुरुदेव? गुरु : तुम जीभी चलाना न सीख सके! हरिराम : पर मुझे तलवार चलाना आता है गुरुदेव! गुरु : तलवार से गरदन कटती है, पर जीभ से पूरा मनुष्य कट जाता है।


(2) गुरु : हरिराम, भीड़ में घुसकर तमाशा देखा करो। हरिराम : क्यों गुरुदेव? गुरु : इसलिए की भीड़ में घुसकर तमाशा न देख सके तो खुद तमाशा बन जाओगे!


(3) हरिराम : क्रांति क्या है गुरुदेव? गुरु : क्रांति एक चिड़िया है हरिराम! हरिराम : वह कहां रहती है गुरुदेव! गुरु : चतुर लोगों की ज़ुबान पर और सरल लोगों के दिलों में। हरिराम : चतुर लोग उसका क्या करते हैं? गुरु : चतुर लोग उसकी प्रशंसा करते हैं, उसके गीत गाते हैं और समय आने पर उसे चबा जाते हैं। हरिराम : और सरल लोग उसका क्या करते हैं? गुरु : वह उनके हाथ कभी नहीं आती।

(4) हरिराम : गुरुदेव, अगर एक हड्डी के लिए दो भूखे कुत्ते लड़ रहे हों तो उन्हें देखकर एक सरल आदमी क्या करेगा? गुरु : बीच-बचाव कराएगा। हरिराम : और चतुर आदमी क्या करेगा? गुरु : हड्डी लेकर भाग जाएगा। हरिराम : और राजनीतिज्ञ क्या करेगा? गुरु : दो भूखे कुत्ते वहां और छोड़ देगा।

(5) हरिराम : आदमी क्या है गुरुदेव? गुरु : यह एक प्रकार का जानवर है हरिराम! हरिराम : यह जानवर क्या करता है गुरुदेव? गुरु : यह विचारों का निर्माण करता है। हरिराम : फिर क्या करता है? गुरु : फिर विचारों के महल बनाता है। हरिराम : फिर क्या करता है? गुरु : फिर उनमें विचरता है। हरिराम : फिर क्या करता है? गुरु : फिर विचारों को खा जाता है। हरिराम : फिर क्या करता है? गुरु : फिर नए विचारों का निर्माण करता है।

(6) हरिराम : संसार क्या है गुरुदेव? गुरु : एक चारागाह है हरिराम! हरिराम : उसमें कौन चरता है? गुरु : वही चरता है जिसके आंखें होती हैं। हरिराम : आंखें किसके होती हैं गुरुदेव? गुरु : जिसके जीभ होती है। हरिराम : जीभ किसके होती है गुरुदेव? गुरु : जिसके पास बुद्धि होती है। हरिराम : बुद्धि किसके पास होती है गुरुदेव? गुरु : जिसके पास दुम होती है। हरिराम : दुम किसके पास होती है गुरुदेव? गुरु : जिसे दुम की इच्छा होती है।


(7) गुरु : हरिराम, बताओ सफलता का क्या रहस्य है? हरिराम : कड़ी मेहनत गुरुदेव! गुरु : नहीं। हरिराम : बुद्धिमानी? गुरु : नहीं। हरिराम : ईमानदारी? गुरु : नहीं। हरिराम : प्रेम? गुरु : नहीं। हरिराम : फिर सफलता का क्या रहस्य है गुरुदेव? गुरु : असफलता।

(8) हरिराम : गुरुदेव, अगर एक सुंदर स्त्री के पीछे दो प्रेमी लड़ रहे हों तो स्त्री को क्या करना चाहिए। गुरु : तीसरे प्रेमी की तलाश। हरिराम : क्यों गुरुदेव? गुरु : इसलिए कि स्त्री के पीछे लड़ने वाले प्रेमी नहीं हो सकते।

(9) हरिराम : सबसे बड़ा दर्शन क्या है गुरुदेव? गुरु : हरिराम, सबसे बड़ा दर्शन चाटुकारिता है। हरिराम : कैसे गुरुदेव? गुरु : इस तरह कि चाटुकार बड़े-से-बड़े दर्शन को चाट जाता है।

(10) हरिराम : ईमानदारी क्या है गुरुदेव? गुरु : यह एक भयानक जानलेवा बीमारी का नाम है। हरिराम : क्या ये बीमारी हमारे देश में भी होती है? गुरु : हरिराम, बहुत पहले प्लेग, टी.बी. और हैजे की तरह इसका भी कोई इलाज न था। तब ये हमारे देश में फैलती थी और लाखों लोगों को चट कर जाती थी। हरिराम : और अब गुरुदेव? गुरु : अब उस दवा का पता चल गया है, जिसके कारण यह बीमारी रोकी जा सकती है। हरिराम : उस दवा का क्या नाम है गुरुदेव? गुरु : आज बच्चे-बच्चे की जुबान पर उस दवा का नाम है लालच।