हिन्दी के पक्षधर / सपना मांगलिक

Gadya Kosh से
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एक बार एक साहित्यिक गोष्ठी में हिन्दी के एक साहित्यकार को हिन्दी की दुर्दशा और अंग्रेजी के प्रभुत्व पर बहुत ही प्रभावशाली और भावनात्मक भाषण देते सुना, उन्होंने गोष्ठी में उपस्थित सभी लोगों से अंग्रेजी को दूर भगाओ और मातृभाषा की जय-जयकार के नारे भी लगवाये, मैं उस हिन्दी साधक से बड़ी प्रभावित हुई और अगले ही दिन अपनी संस्था के वार्षिकोत्सव पर उन्हें मुख्य अतिथि का आमंत्रण देने उनके घर पहुँच गयी। घर आधुनिक तरीके से सजा-संवरा था अतिथि कक्ष में उनका तीन वर्षीय पुत्र खेल रहा था जिसे गोद में लेकर मैंने कविता सुनाने को कहा, बालक अपने दोनों छोटे-छोटे हाथों से मछ्ली की आकृति बना हिन्दी की कविता "मछली जल की रानी है" सुनाने लगा। इतने में हिन्दी भक्त उसपर भड़कते हुए बोले "यह क्या सुना रहे हो बी विली विंकी वाली राइम सुनाओ आंटी को" उसके बाद अपनी धर्मपत्नी पर बरसते हुए "कितनी बार कहा है बच्चे से इंग्लिश में बात करो वर्ना मिशनरी स्कूल वाले रोज शिकायतें भेजेंगे"।