‘दृश्यम 2’: परिवार की रक्षा का संघर्ष और मां की ममता / जयप्रकाश चौकसे

Gadya Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
‘दृश्यम 2’: परिवार की रक्षा का संघर्ष और मां की ममता
प्रकाशन तिथि : 20 फरवरी 2022

अजय देवगन ‘दृश्यम 2’ की शूटिंग कर रहे हैं। तबु और भाग-1 के कुछ कलाकार इस बार भी शामिल हैं। ज्ञातव्य है कि फिल्म मलयालम भाषा में बनने वाली फिल्मों के शिखर सितारे की है। दर्शकों को स्मरण होगा कि भाग-1 के अंत में पुलिस अफसर डीआईजी लंदन चली गई है जाने फिल्मकार वर्षों बाद इन पात्रों को पुनः एक जगह लाकर घटनाक्रम कैसे आगे बढ़ाएगा। भाग-1 में इस बात पर महत्व दिया गया था कि डीआईजी के बिगड़ैल पुत्र का शव नहीं मिला। अजय अभिनीत पात्र ने शव को उस समय बन रहे नए पुलिस स्टेशन में गाड़ दिया था। अजय का संवाद ही है कि ‘यह थाना ही हम लोगों की रक्षा करेगा’।

क्या भाग-2 में थाने के पुराना हो जाने के कारण उसे पुन: तोड़कर नया रूप दिया जा रहा है? और इस प्रक्रिया में ही डीआईजी के बिगड़ैल पुत्र का कंकाल प्राप्त होता है। अब अजय अभिनीत पात्र और अन्य पात्रों की आयु क्या है? भाग-1 में संवाद है कि ‘मैं अपने परिवार की रक्षा करना अपना प्रथम दायित्व मानता हूं।

इस बार वह कैसे रक्षा करेगा? किसी भी फिल्म के भाग-2 को भाग-1 से कहीं अधिक रोचक बनाना होता है और यही सबसे बड़ी चुनौती होती है। अभिषेक पाठक पर बहुत बड़ी जवाबदारी है। निर्माता के पास साधन की कमी नहीं है। विज्ञान की डीएनए शाखा ने बहुत विकास कर लिया है। अब तो दस्ताने पहन कर भी कत्ल करें तो भी सबूत मिल जाते हैं। तबु ने भाग-1 में 17 वर्ष के बिगड़ैल पुत्र की मां की भूमिका अभिनीत की थी। क्या भाग-2 में भी उन्हें अपने मर चुके बिगड़ैल पुत्र के प्रति ममता है।

महबूब खान की ‘मदर इंडिया’ में मां अपने लाडले पुत्र को उस समय गोली मारती है जब वह गांव की एक बेटी का अपहरण कर रहा है। मां की ममता न्याय या अन्याय नहीं देखती। वह अंधी होती है। इस विषय को अनगिनत फिल्मों में प्रस्तुत किया गया है। शबाना आजमी ने कहा था कि मां की ममता का एक स्वरूप यह भी है कि वह अन्य महिला द्वारा जन्म दिए बच्चों को भी प्यार करें। आज जावेद अख्तर की पहली पत्नी से जन्मी जोया और उसके भाई को शबाना बेहद बेहद प्यार करती हैं और बच्चे भी उनसे सलाह मशविरा लेकर काम करते हैं।

ज्ञातव्य है कि तबु, शबाना की दूर की रिश्तेदार हैं। देखना है कि ‘दृश्यम 2’ में तबु अभिनीत पात्र का हृदय कितना विशाल है। मुंबई के फिल्मकार अन्य भाषाओं में बनी फिल्मों पर निगाह बनाए रखते हैं। ताकि उनके अधिकार खरीदे जा सकें।

हॉलीवुड में भी अनेक खलनायक पात्र किसी एक फिल्म में ही लौट रहे हैं। सुपरमैन और स्पाइडरमैन भी अन्याय से लड़ने के लिए लौट रहे हैं। आम आदमी हैरान है कि इतने पात्र उसकी रक्षा के लिए एकत्रित हो रहे हैं परंतु उसके कष्ट तो बढ़ते ही जा रहे हैं। मनुष्य को अपनी लड़ाई खुद ही लड़नी होगी। उसे स्वयं ही सुपरमैन बनना होगा। राजकुमार हिरानी जैसे फिल्मकार आज ‘पीके’ नहीं बना सकते। कुछ माह पश्चात हिरानी और शाहरुख की फिल्म शुरू होने जा रही है।

ज्ञातव्य है कि ‘मुन्ना भाई’ के लिए हिरानी ने शाहरुख को ही कहानी सुनाई थी, जो उन्हें पसंद भी आई, परंतु विधु विनोद चोपड़ा के स्वभाव की आक्रामकता के कारण उन्होंने फिल्म नहीं की। विधु फिल्म के निर्माता थे। शाहरुख नहीं चाहते थे कि विधु और उनके बीच कोई मतभेद होने पर हिरानी की फिल्म रुक जाए।

इस समय ‘दृश्यम 2’ की शूटिंग जोरों पर चल रही है। फिल्मकार अभिषेक पाठक इसे एक-दो माह में प्रदर्शित करने के लिए तैयार कर लेंगे।