आवरण / लेखक परिचय / दराबा / जयप्रकाश चौकसे
जयप्रकाश चौकसे
जन्म : 1 सितम्बर 1939, बुरहानपुर (म.प्र.)
शिक्षा : एम.ए. अंग्रेजी और हिन्दी साहित्य।
कैरियर : गुजराती कॉलेज, इंदौर में तेरह वर्ष तक अध्यापन।
1977-82 तक सोनार फिल्म कम्पनी के लिए कार्यकारी निर्माता के रूप में शायद, हरजाई, कन्हैया और वापसी (12 रील) फिल्मों का निर्माण।
पटकथा : नसीरुद्दीन शाह और ओमपुरी अभिनीत शायद, संजीव कुमार अभिनीत कत्ल, गृहयुद्ध पर पूरनचंद राव द्वारा तामिल फिल्म, विजयपथ सिंघानिया की वो तेरा नाम था।
वितरण :
1977 से इंदौर में फिल्म वितरण किया। राजकपूर की प्रेमरोग से व्यवसाय का विस्तार किया जो पुत्र आदित्य की देखरेख में आज भी जारी है। राजकपूर, राकेश रोशन, सुभाष घई, करण जौहर, शाहरुख खान, महेश भट्ट, राम गोपाल वर्मा, जे.पी. दत्ता इत्यादि की फिल्मों का वितरण। वितरण व्यवसाय के कारण छोटे-बड़े शहरों में दर्शक प्रतिक्रिया के अध्ययन का अवसर मिला। लंबे अरसे से फिल्में पढ़ रहे हैं और किताबें देखने का अवसर ।
पत्रकारिता : 1966 में माधुरी में राजकपूर और शैलेन्द्र पर लेख। 1971 से नई दुनिया इंदौर और विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में फिल्म पर लेख। 1981-84 तक दैनिक भास्कर के फिल्म परिशिष्ट नवरंग का संपादन और तत्पश्चात् दैनिक भास्कर में परदे के पीछे का प्रतिदिन प्रकाशन और यह सिलसिला आज भी जारी है। यह गॉसिप नहीं है। ज्ञानरंजन की पहल के लिए भी लिखा है। पत्रकारिता के चालीस वर्षों में विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में पाँच हजार से ऊपर लेख प्रकाशित हुए हैं।
पुस्तकें : 1991 में राजकपूर की सृजन प्रक्रिया पर पुस्तक जिसका दो नए अध्याय के साथ संवाद प्रकाशन, मेरठ द्वारा परदे के पीछे लेखों के दो संकलन प्रकाशित । हिन्दी सिनेमा के इतिहास का हस्तलिखित गुटका संस्करण। विगत दो वर्षों से मुम्बई में फिल्म जगत में अनेक योजनाओं पर कार्य जारी है।
दरअसल सारा जीवन परिचय छुपाने का प्रयास करता रहा हूँ और इस प्रकाशित परिचय से भी कुछ खास उजागर नहीं होता। यह कुछ कम तसल्ली की बात नहीं है।